बंगाल में पूजा पंडालों को राहत:हाईकोर्ट ने बड़े पंडालों में 60 लोगों की एंट्री की छूट दी

पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े फेस्टिवल दुर्गा पूजा के शुरू होने से 24 घंटे पहले हाईकोर्ट ने पूजा पंडालों को राहत दी है। कोलकाता हाईकोर्ट ने अब बड़े पंडालों में 60 लोगों की एंट्री की इजाजत दे दी है। इससे पहले सोमवार को कोर्ट ने कहा था कि पूजा पंडालों में विजिटर्स को एंट्री नहीं दी जाएगी। सिर्फ आयोजक ही अंदर जा सकेंगे, उनकी भी संख्या तय रहेगी। छोटे पंडालों में 15 और बड़े पंडालों में 25 लोग ही जा सकेंगे। कोर्ट ने कोरोना की स्थिति को देखते हुए यह फैसला दिया था। इस पर कोलकाता के दुर्गोत्सव फोरम के 400 पंडाल आयोजकों ने रिव्यू की अपील की थी।

कोर्ट के बुधवार के आदेश के मुताबिक पंडाल के अंदर जाने वाले लोगों की लिस्ट हर दिन सुबह 8 बजे पंडाल के बाहर लगानी होगी। ढाकी यानी ढोल बजाने वाले नो-एंट्री जोन में पंडालों के बाहर ही ढोल बजा सकेंगे, लेकिन उनकी संख्या भी तय होगी।

लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने सोमवार के आदेश में कहा था कि सभी पंडालों के बाहर एंट्री पॉइंट पर बैरिकेडिंग की जाए। बैरिकेड्स की दूरी छोटे पंडाल से 5 मीटर और बड़े पंडालों से 10 मीटर रखी जाए। अदालत ने कहा कि कोलकाता में 3000 से ज्यादा पंडाल हैं और यहां पर भीड़ को संभालने के लिए पर्याप्त पुलिसकर्मी नहीं हैं।

कोरोना के बीच पश्चिम बंगाल में गुरुवार से दुर्गा पूजा शुरू होगी। यहां की दुर्गा पूजा की भव्यता पूरी दुनिया में मशहूर है। राज्य में हर साल 37 हजार से ज्यादा पंडाल सजाए जाते हैं। दुर्गा पूजा के दौरान कारोबार भी काफी बढ़ जाता है।