बिल पर विपक्ष के सवाल, शाह ने दिया जवाब
नागरिकता संशोधन विधेयक में नागरिकता कानून, 1955 में संशोधन का प्रस्ताव है। इस संशोधन के मुताबिक पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश के 6 धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को नागरिकता मिलेगी जो पलायन करके भारत आए। इनमें हिन्दू, बौद्ध, सिख, जैन, ईसाई और पारसी लोग शामिल हैं।
लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक किया। इस दौरान शाह ने कहा कि यह बिल 0.001% भी देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है। बिल पेश होते ही लोकसभा में हंगामा, कांग्रेस ने विरोध किया। तो आपको बताते हैं लोकसभा में नागरिकता बिल को लेकर शाह की बड़ी बातें।
नागरिकता संशोधन बिल मुस्लिमों के खिलाफ नहीं।
कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश का विभाजन किया।
बिल से समानता का अधिकार आहत नहीं होगा।
विपक्ष को हर सवाल पूछने का मौका मिलेगा।
विपक्ष के हर सवाल का जवाब मिलेगा।
1971 में इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश के शर्णार्थियों को नागरिकता दी।
क्या है नागरिकता संशोधन बिल
नागरिकता संशोधन विधेयक में नागरिकता कानून, 1955 में संशोधन का प्रस्ताव है। इस संशोधन के मुताबिक पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश के 6 धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को नागरिकता मिलेगी जो पलायन करके भारत आए। इनमें हिन्दू, बौद्ध, सिख, जैन, ईसाई और पारसी लोग शामिल हैं। नागरिकता संशोधन बिल किसी एक राज्य नहीं बल्कि पूरे देश में शरणार्थियों पर लागू होगा।
कितना बदला नागरिकता बिल
नया बिल
6 धर्म के नागरिकों को मिलेगी नागरिकता 1955
मुस्लिम को नागरिकता लिस्ट से किया गया बाहर
6 साल भारत में रहने के बाद नागरिकता
1955
मुस्लिम भी लिस्ट में थे शामिल
सभी धर्म के शर्णार्थी थे शामिल
11 साल भारत में रहने के बाद नागरिकता