पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक मामले पर बोलीं वित्त मंत्री, जरूरत पड़ी तो एक्ट में करेंगे बदलाव
पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक के बवाल और विरोध प्रदर्शन के बीच वित्त मंत्रालय की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बयान देते हुए कहा कि कोऑपरेटिव बैंक को रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआई) रेगुलेट करती है और आरबीआई पूरे मामले को देख रहा है। सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। मामले का अध्ययन किया जाएगा और जरूरत पड़ी तो एक्ट में बदलाव करेंगे। आरबीआई पेशेवर तरीके से मामला सुलझाए। बता दें कि बैंक पर लगाई गई पाबंदियों से नाराज खाताधारक आज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मुंबई दफ्तर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। खाताधारकों का विरोध प्रदर्शन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रेस कॉन्फ्रेंस से ठीक पहले हुआ। बीजेपी दफ्तर के बाहर भारी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है।
क्या है PMC बैंक घोटाला?
1984 में पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक की स्थापना हुई।
महाराष्ट्र समेत 6 राज्यों में 137 ब्रांच।
लोगों के 11 हजार 600 करोड़ रूपए जमा हैं।
करीब 4355 करोड़ का घोटाला।
बैंक ने 8300 करोड़ रूपए के कर्ज बांटे।
कर्जदार कंपनियों ने पैसे नहीं लौटाए तो बैंक डूबा।
घोटाला सामने आने पर आरबीआई ने बैंक पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं।
आरबीआई ने यह कार्रवाई बैंकिग रेलुगेशन एक्ट, 1949 के सेक्शन 35ए के तहत की।
बैंक में कोई नया फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट नहीं खुल सकेगा, इसके अलावा बैंक के नए लोन जारी करने पर भी पाबंदी लगाई गई थी।
FM: Finance Ministry may have nothing to do with it (PMC bank matter) directly because RBI is the regulator. But from my side, I've asked the secretaries of my ministry to work with Rural Development Ministry & Urban Development Ministry to study in detail as to what is happening pic.twitter.com/DyKhXJfiqk
— ANI (@ANI) October 10, 2019