रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर लोस में पीयूष गोयल ने दिया जवाब
नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र जारी है और इस दौरान रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने संसद में नया कीर्तिमान स्थापित करने के लिए अध्यक्ष महोदय, सांसदों और मीडियाकर्मियों का धन्यवाद दिया। रेलमंत्री ने कहा कि इस चर्चा में मैं सौवें वक्ता के तौर पर बोल रहा हूं। कल 12 घंटे तक चली चर्चा में भाग लेने के लिए रेल मंत्री ने सबका धन्यवाद करते हुए कहा कि मेरा सौभाग्य है कि आषाढ़ी एकादशी के दिन मुझे जवाब देने का मौका मिला। हमारी सरकार ने संरक्षा और सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। 2009-10 का उदाहरण है। तब 2160 करोड़ रु सुरक्षा पर खर्च होता था। इस वर्ष में 5000 करोड़ यात्रियों की सुरक्षा पर खर्च करने वाले हैं। गोयल ने कहा कि रेल हादसों में लगातार कमी आई है।
रेल मंत्री ने 11 जुलाई, 2006 की मुंबई ट्रेन विस्फोट की घटना का हवाला देते हुए कहा कि यह इस सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई होती तो प्रधानमंत्री मोदी ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया होता। रेल मंत्री ने लोकसभा में कहा कि रेलवे बजट पहले जनता को गुमराह करने के लिए होते थे, राजनीतिक लाभ के लिए नयी ट्रेनों के सपने दिखाए जाते थे। इसके अलावा गोयल ने कहा कि बार-बार कह चुके हैं कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जाएगा।
हमारी सरकार ने संरक्षा और सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। 2009-10 का उदाहरण है। तब 2160 करोड़ रु सुरक्षा पर खर्च होता था। इस वर्ष में 5000 करोड़ यात्रियों की सुरक्षा पर खर्च करने वाले हैं। रेल हादसों में लगातार कमी आई हैः रेल मंत्री#लोकसभामेंआज pic.twitter.com/D4x7j5SOw8
— Lok Sabha TV (@loksabhatv) July 12, 2019