कंगारू टीम ने जर्बदस्त वापसी करते हुए दस साल बाद भारतीय सरजमीं पर वनडे सीरीज जीती
उस्मान ख्वाजा के शानदार शतक के बाद गेंदबाजों की बेहतरीन गेंदबाजी के दम पर आस्ट्रेलिया ने पांचवें और निर्णायक वनडे मैच में भारत को 35 रन से हराकर पांच मैचों की सीरीज पर 3-2 से कब्जा जमा लिया। सीरीज के पहले दो मैच गंवाने के बाद कंगारू टीम ने जर्बदस्त वापसी करते हुए दस साल बाद भारतीय सरजमीं पर वनडे सीरीज जीती। फिरोजशाह कोटला मैदान में आस्ट्रेलिया का टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला सही साबित हुआ। आस्ट्रेलिया ने उस्मान ख्वाजा (100) और पीटर हैंड्सकोंब (52) की शानदार पारियों की बदौलत मेजबान टीम के लिए 273 रन का लक्ष्य रखा। लेकिन भारतीय टीम के लिए यह लक्ष्य मुश्किल साबित हुआ और पूरी टीम 237 रन बनाकर आउट हो गई।
फिरोजशाह कोटला में केवल दो बार (1982 और 1996) ही कोई टीम 250 से अधिक का लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल कर पाई है। आस्ट्रेलिया की ओर से एडम जंपा सबसे सफल गेंदबाज रहे जिन्होंने 46 रन देकर तीन विकेट झटके। इसके अलावा तेज गेंदबाज पैट कमिंस, जॉय र्रिचडसन और मार्कस स्टोइनिस ने दो-दो विकेट विकेट हासिल किए। मैच का अंतर भी स्पिन गेंदबाजों ने पैदा किया आस्ट्रेलियाई स्पिनरों ने जहां किफायती गेंदबाजी की वहीं भारतीय स्पिनर काफी महंगे साबित हुए। आस्ट्रेलियाई स्पिनर एडम जंपा और नाथन लियोन ने जहां 20 ओवर में 70 रन देकर चार विकेट झटके वहीं भारतीय चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव ने दस ओवर में अकेले 74 रन दे डाले और महज एक विकेट ही हासिल कर पाए। भुवनेश्वर भारत के सबसे सफल गेंदबाज रहे जिन्होंने ने48 रन देकर तीन विकेट लिए।
मोहम्मद शमी और रविंद्र जडेजा ने दो-दो विकेट हासिल किए। जसप्रीत बुमराह ने किफायती गेंदबाजी जरूर की लेकिन वह विकेट निकालने में कामयाब नहीं हो पाए।दिल्ली के दर्शकों को अपने स्थानीय हीरो विराट कोहली, शिखर धवन और ऋषभ पंत से बड़ी पारियों की उम्मीद थी लेकिन तीनों ने उन्हें निराश किया। धवन 15 गेंद में 12 रन, कोहली 22 गेंद में 20 रन और पंत 16 गेंद में 16 रन बनाकर आउट हुए। भारत की ओर से रोहित शर्मा ही अर्धशतकीय पारी खेल पाए उन्होंने 89 गेंदों पर 56 रन बनाए। इसके अलावा केदार जाधव ने 44 रन और भुवनेश्वर कुमार 46 रन ने सातवें विकेट के लिए 91 रन की साझेदारी कर जीत की थोड़ी उम्मीद जगाई लेकिन पैट कमिंस ने भुवनेश्वर कुमार को फिंच के हाथों आउट कर इस साझेदारी को तोड़कर सारी उम्मीदें भी तोड़ दीं। इसके एक गेंद बाद ही केदार जाधव भी जाय रिचर्डसन की गेंद पर मैक्सवेल के हाथों कैच आउट होकर पैवेलियन लौट गए।
विजय शंकर ने 21 गेंदों में 16 रन बनाए जबकि रविंद्र जडेजा को बिना खाता खोले ही पैवेलियन लौटना पड़ा।इससे पहले आस्ट्रेलिया की शुरुआत शानदार रही और सीरीज में अपना दूसरा शतक जमाने वाले उस्मान ख्वाजा ने कप्तान आरोन फिंच (27 रन) के साथ पहले विकेट के लिए 76 रन की साझेदारी की। इसके बाद मोहली में शतक जमाने वाले पीटर हैंड्सकोंब (52) ने ख्वाजा के साथ मिलकर 99 रन की बेहतरीन साझेदारी की। हालांकि इन दोनों बल्लेबाजों के आउट होने के बाद भारत ने कुछ वापसी की लेकिन आस्ट्रेलिया के पुछल्ले बल्लेबाजों ने अंतिम चार ओवर में 42 रन लूट डाले। जिससे आस्ट्रेलिया नौ विकेट पर 272 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाने में सफल रहा।आस्ट्रेलिया ने इससे पहले 2009 में भारतीय सरजमीं पर छह मैचों की सीरीज 4-2 से जीती थी। इस बार उसने पहले दो मैच गंवाने के बाद लगातार अगले तीन मैच जीतकर सीरीज 3-2 से अपने नाम की। यह वनडे में पांचवां अवसर है जबकि किसी टीम ने पहले दो मैच हारने के बाद सीरीज जीती। आस्ट्रेलिया से पहले दक्षिण अफ्रीका (दो बार), बांग्लादेश और पाकिस्तान ने यह उपलब्धि हासिल की थी। भारत ने दूसरी बार पहले दो मैच जीतने के बाद सीरीज गंवाई। इससे पहले भारत 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ बढ़त के बाद सीरीज हार गया था।