मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद मान गए विधायक राकेश सिंह बघेल

संतकबीरनगर। सांसद शरद त्रिपाठी से मारपीट के मामले में कार्रवाई की मांग लेकर कलेक्ट्रेट पर धरना दे रहे मेंहदावल विधायक राकेश सिंह बघेल सुबह प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद मान गए। विधायक धरना खत्म कर लखनऊ रवाना हो गए। विधायक समर्थकों को प्रशासन ने मेंहदावल क्षेत्र के मेड़रापार गांव तक पहुंचाया। सुबह प्रदेश अध्यक्ष का संदेश लेकर खलीलाबाद के विधायक जय चौबे भी पहुंचे थे। आपको बता दें कि संतकबीरनगर कलेक्ट्रेट सभागार में बुधवार की शाम जिला योजना समिति की बैठक के दौरान प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन के सामने ही संतकबीरनगर के सांसद शरद त्रिपाठी और मेंहदावल के विधायक राकेश सिंह बघेल आपस में भिड़ गए। विकास कार्यों के शिलापट्ट पर नाम लिखने की बात पर दोनों इस कदर आगबबूला हुए कि एक-दूसरे पर टूट पड़े। इस दौरान सांसद ने विधायक को खींचकर जूते से मारा, जबकि विधायक ने भी सांसद को कई तमाचे जड़ दिए।
दरअसल, लोकसभा चुनाव की तारीखें घोषित होने से पहले विकास कार्यों के लिए प्रस्तावित बजट के अनुमोदन के लिए बुधवार को जिला योजना समिति की बैठक बुलाई गई थी। इसमें जिले के प्रभारी मंत्री और प्रदेश सरकार के प्राविधिक शिक्षा एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन बतौर मुख्य अतिथि बैठे थे। बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद सांसद शरद त्रिपाठी व मेंहदावल विधायक राकेश सिंह बघेल उलझ गए। सांसद ने विधायक पर अपने क्षेत्र में विकास कार्यों पर सांसद का नाम न लिखवाने का आरोप लगाया। इस पर विधायक ने भी सांसद पर ऐसा करने का आरोप मढ़ दिया। बात ही बात में दोनों एक-दूसरे पर आरोपों की झड़ी लगाते हुए देख लेने की धमकी देने लगे। इसी बीच अचारक सांसद शरद त्रिपाठी उठे और पैर से जूता निकालकर विधायक मेंहदावल राकेश सिंह बघेल को ताबड़तोड़ मारने लगे।

गुस्साए विधायक ने भी बगल में बैठे धनघटा विधायक श्रीराम चौहान व खलीलाबाद विधायक जय चौबे को धक्का देते हुए सांसद को कई तमाचे जड़ दिए। दोनों के बीच मारपीट होते देख प्राविधिक शिक्षा एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, डीएम रवीश कुमार गुप्ता समेत सभी अफसर और नेता आवाक रह गए। मंत्री, डीएम और विधायक ने बीच बचाव कराया। इसके तुरंत बाद मंत्री बैठक छोड़कर लखनऊ लौट गए। इसके तुरंत बाद सांसद कलेक्ट्रेट के किसी कमरे में जाकर छिप गए तो वहीं विधायक राकेश सिंह बघेल व उनके समर्थक परिसर में खड़े होकर सांसद का इंतजार करने लगे। डीएम रवीश कुमार गुप्ता, सीडीओ हाकिम सिंह आदि अफसर विधायक और उनके समर्थकों को शांत कराने के प्रयास में जुटे थे। शाम साढ़े छह बजे तक परिसर में गहमागहमी बनी हुई थी।

मौके पर कई थानों की पुलिस फोर्स बुला ली गई थी। भाजपा जिलाध्यक्ष सेतवान राय ने घटना की निंदा की है। डीएम रवीश कुमार गुप्ता व एसपी आकाश तोमर ने फिलहाल इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया है।