भारत ने रचा इतिहास, 72 साल में पहली बार जीती श्रृंखला
सिडनी। भारतीय क्रिकेट टीम ने 71 साल के लंबे इंतजार को खत्म करते हुए आस्ट्रेलियाई सरजमीं पर पहली बार टेस्ट श्रृंखला जीतकर सोमवार को अपने क्रिकेट इतिहास में स्वर्णिम अध्याय जोड़ा। सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर चौथा और अंतिम टेस्ट मैच खराब मौसम और बारिश के कारण ड्रा छूटा और इस तरह से भारत श्रृंखला 2-1 से अपने नाम करने में सफल रहा। इसके साथ ही उसने बोर्डर गावस्कर ट्राफी भी अपने पास बरकरार रखी। भारत ने 2017 में अपने घरेलू मैदानों पर श्रृंखला 2-1 से जीतकर यह ट्राफी जीती थी। भारत ने स्वतंत्रता मिलने के कुछ दिन बाद पहली बार 1947-48 में लाला अमरनाथ की अगुवाई में आस्ट्रेलिया का दौरा किया था। तब उसका सामना सर डान ब्रैडमैन की अजेय आस्ट्रेलियाई टीम से था। तब से लेकर अब जाकर भारत का श्रृंखला जीतने का इंतजार विराट कोहली की टीम ने खत्म किया।
THANK YOU! 2-1 🇮🇳🇮🇳 #TeamIndia #AUSvIND pic.twitter.com/syKRSOgaWQ
— BCCI (@BCCI) January 7, 2019
एक और किला फतह करने से आह्लादित कोहली ने कहा, ‘‘सबसे पहले मैं यह कहना चाहता हूं कि मुझे इस टीम का हिस्सा होने पर कभी इतना अधिक गर्व नहीं हुआ जितना अभी इस समय हो रहा है। हमने एक संस्कृति विकसित की। हमारे बदलाव की शुरूआत यही पर हुई थी जहां मैंने कप्तान पद संभाला था और मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि चार साल बाद हम यहां जीतने में सफल रहे। मैं केवल एक शब्द कह सकता हूं कि मुझे इस टीम की अगुवाई करने में फख्र महसूस होता है। यह मेरे लिये सम्मान है। खिलाड़ियों के प्रयास से ही कप्तान अच्छा साबित होता है।’’ भारत के पास श्रृंखला 3-1 से जीतने का मौका था लेकिन बारिश ने उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। भारत ने अपनी पहली पारी सात विकेट पर 622 रन बनाकर समाप्त घोषित की थी जिसके जवाब में आस्ट्रेलिया 300 रन पर आउट हो गया और उसे अपनी धरती पर पिछले 30 साल में पहली बार फालोआन के लिये उतरना पड़ा। आस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में बिना किसी नुकसान के छह रन बनाये।
बारिश की वजह से पांचवें और अंतिम दिन का खेल नहीं हो पाया और अंपायरों ने लंच के बाद मैच ड्रा करने का फैसला किया। भारतीय टीम ने एससीजी पर विजय का जश्न बनाया तथा भारत और आस्ट्रेलिया के प्रशसंकों ने तालिया बजाकर उनका साथ दिया। भारत के महानतम सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने कहा, ‘‘यह भारतीय क्रिकेट के लिये ऐतिहासिक क्षण है।’’आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी इतनी कमजोर थी कि अगर पूरे दिन का खेल हुआ होता तो भारत चौथा टेस्ट मैच भी जीत जाता। आस्ट्रेलिया को निश्चित तौर पर प्रतिबंधित स्टीवन स्मिथ और डेविड वार्नर की कमी खली लेकिन इससे कोहली और उनकी टीम की उपलब्धि को कम करके नहीं आंका जा सकता है। इस जीत को भारत की विदेशों में ऐतिहासिक विजय में शामिल किया जाएगा। इसे अजित वाडेकर की टीम की 1971 में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड में, कपिल देव की टीम की 1986 में इंग्लैंड में और राहुल द्रविड़ की अगुवाई वाली टीम की 2007 में इंग्लैंड में जीत की बराबरी पर रखा जाएगा।