प्रद्युम्न हत्याकांड: आरोपी छात्र से टीचर भी परेशान थे, किसी से नहीं थी उसकी दोस्ती
नई दिल्ली। प्रद्युम्न की हत्या के आरोपी नाबालिग छात्र से अब सीबीआई पूछताछ करेगी। अगर वो अदालत में हत्यारा साबित हो भी गया तो भी सात साल से ज्यादा की सजा उसे नहीं मिलेगी। एबीपी न्यूज को आरोपी छात्र के बारे में कुछ चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं।
आरोपी छात्र से स्कूल के टीचर भी काफी परेशान थे। वो स्कूल में बात-बात पर गालियां देता था। पिछले हफ्ते स्कूल के टॉयलेट में उसने एक बच्चे को पीछे से किक मारी थी। स्कूल में किसी से भी उसकी दोस्ती नहीं थी। वो गिटार बजाने में भी माहिर था।
जानकारी के मुताबिक प्रद्युम्न की हत्या के बाद से उसने स्कूल आना कम कर दिया था। उसके बारे में खबर सामने आते ही यहां के अभिभावकों की चिंता एक बार फिर बढ़ गई और उन्हें अपने बच्चों की सुरक्षा का डर सताने लगा है।
फिलहाल आरोपी छात्र को 3 दिन की सीबीआई रिमांड में भेज दिया गया है लेकिन चूंकि ये छात्र नाबालिग है इसलिए-
अब जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड तय करेगा कि उसका अपराध जघन्य है या नहीं। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड 3 महीने में इसे तय करेगा। तीन महीने बाद अदालत बोर्ड को और समय दे सकती है। बोर्ड आरोपी की मानसिक और शारीरिक क्षमता का टेस्ट करेगा। फिर बोर्ड तय करेगा कि आरोपी पर वयस्क वाली कारर्वाई हो या नहीं। अगर वयस्क माना गया और दोषी करार हुए तब भी फांसी, उम्रकैद नहीं। बल्कि जघन्य अपराध के लिए सिर्फ 7 साल की सजा का प्रावधान ही है।
नाबालिग अपराधियों के मामले कानून के ये बदलाव निभर्या केस के बाद किए गए थे। इस मामले में आगे की कारर्वाई इस पर निर्भर करेगी कि सीबीआई आरोपी छात्र के खिलाफ अपने दावों के पक्ष में क्या सबूत पेश कर पाती है।
इस पूरे मामले में सीबीआई की जांच पर सवाल उठ रहा है, और वो ये कि जब हत्या का आरोपी छात्र परीक्षा टालना चाहता था तो वो परीक्षा क्यों देता रहा, सीबीआई की जांच के बाद हरियाणा पुलिस भी सवालों के घेरे में आ गई है। प्रद्युम्न की हत्या के आरोप में बस कंडक्टर अशोक पिछले दो महीनों से जेल में बंद है, इस दौरान उसके परिवार ने जो झेला है आखिर उसका हिसाब कौन देगा?
क्या है मामला?
8 सितंबर को गुरुग्राम के भोंडसी स्थित स्कूल परिसर में 7 साल के प्रद्युम्न की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के इस मामले ने देश भर को हिला कर रख दिया था। पहले हरियाणा पुलिस ने इस मामले की जांच की लेकिन प्रद्युम्न के परिवार की मांग और जनता के आक्रोश को देखते हुए जांच सीबीआई को दे दी गई थी।