…दूसरे परीक्षण की तैयारी में लग गया उत्तर कोरिया, भारत भी परेशान
नई दिल्ली (डेस्क)। हाल ही हुए उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम परीक्षण की गूंज पूरी तरह थमी भी नहीं है कि वह दूसरे परीक्षण की तैयारी करने में लग गया है। खबरों की मानें तो उसकी न्यूक्लियर साइट पर राकेट देखे गए हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में वह फिर कोई धमाका कर सकता है। वहीं ताजा हाइड्रोजन बम परीक्षण के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सोमवार को आपात बैठक हुई है जिसमें उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों को और कड़ा करने की बात कही गई है। इस बैठक के दौरान जहां सभी ने उत्तर कोरिया के प्रति कड़ा रुख इख्तियार किया वहीं चीन ने साफ कर दिया कि वह कोरियाई प्रायद्वीप में किसी भी सूरत से युद्ध के पक्ष में नहीं है। दूसरी ओर स्विटजरलैंड के राष्ट्रपति डोरिस लुथर्ड ने इस मामले में मध्यस्थता करने और जरूरत पड़ने पर कोरियाई देशों की सीमा पर अपनी सेनाओं को तैनात करने की तक की बात कही है। लेकिन इन सभी कवायदों के बीच उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम के परीक्षण के बाद भारत की अपनी चिंता भी बढ़ती जा रही है।
भारत की चिंता अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान को लेकर है जिसमें उन्होंने कहा है कि वह उत्तर कोरिया से संबंध रखने वाले किसी भी देश से संबंध नहीं रखेगा और उन्हें भी प्रतिबंधित कर देगा। भारत के लिए यह चिंता की बात इसलिए भी है क्योंकि उत्तर कोरिया और भारत के बीच वर्षों से कूटनीतिक और वाणिज्य संबंध बरकरार हैं। अंतरराष्ट्रीय व्यापार आंकड़ों पर नजर रखने वाली संस्था द आॅब्जर्वेटरी आॅफ इकॉनोमिक कॉम्प्लेक्सिटी के मुताबिक उत्तर कोरिया से आयात और निर्यात के मामले में भारत चीन के बाद दूसरे नंबर का सबसे बड़ा देश है। ऐसे में भारत की चिंता कई मायनों में जायज है। अगर ट्रंप अपने बयान पर अमल करते हैं तो भारत और चीन इससे सबसे अधिक प्रभावित होने वाले देशों में शामिल होंगे। चीन उत्तर कोरिया का सबसे बड़ा व्याहपारिक साझेदारी वाला देश है।
हालांकि भारत ने उत्तर कोरिया के रवैये को देखते हुए उससे संबंध सीमित करने शुरू कर दिए हैं। इसके तहत दोनों देशों के बीच होने वाले व्यातपार में कटौती पर भी फैसला लिया गया है। यही वजह है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष उत्तैर कोरिया से व्याहपार में करीब 30 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है। पिछले वर्ष उत्तर कोरिया में भारत का निर्यात करीब 110 मिलियन डॉलर का था।
उत्तर कोरिया की समाचार एजेंसी यॉनहप ने हाइड्रोजन बम परीक्षण और आगे होने वाले परीक्षणों को अमेरिका के लिए गिफ्ट पैकेज बताया है। यूएन में उत्तर कोरिया के राजदूत ने साफतौर पर कहा कि हालिया परीक्षण उनकी देश की सुरक्षा के मद्देनजर किया गया है और यह सिर्फ अमेरिका के लिए एक गिफ्ट पैकेज है। अपने बयान में उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि इस तरह के गिफ्ट पैकेज आगे भी अमेरिका और उनके सहयोगी देशों को मिलते रहेंगे।