शटलर सायना नेहवाल फिर पहुंचीं गोपी के ट्रेनिंग सेंटर में
नई दिल्ली। लंदन ओलंपिक की कांस्य पदकधारी शटलर सायना नेहवाल की जांघ में हाल में समाप्त हुई विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने के दौरान खिंचाव आ गया था। वह तीन साल बाद फिर से अपने मेंटर रहे और पूर्व कोच पुलेला गोपीचंद के मार्गर्दशन में हैदराबाद में उनकी अकादमी में ट्रेनिंग करने का फैसला किया है। वह जांघ की मांसपेशियों में खिंचाव से उबरने के बाद ट्रेनिंग शुरू करेंगी। उन्होंने मुख्य कोच गोपीचंद और अपने मौजूदा कोच विमल कुमार के साथ अपनी इस इच्छा के बारे में चर्चा की।
सायना अभी हैदराबाद में हैं। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा, ‘कुछ समय से मैं अपना ट्रेनिंग बेस गोपीचंद अकादमी में बनाने के बारे में सोच रही थी। मैंने इसके बारे में गोपी सर से भी चर्चा की और मैं शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने दोबारा से मेरी मदद करने पर सहमति जता दी है।’ वह विश्व चैंपियनशिप के प्री क्वार्टर फाइनल में स्कॉटलैंड की क्रिस्टी गिलमौर के खिलाफ मुकाबले के दौरान गिर गई थी जिससे खुद को चोटिल करा बैठीं। उन्होंने लिखा, ‘अपने कॅरियर के इस चरण में, मुझे लगता है कि वह मेरे लक्ष्यों को हासिल करने में मेरी मदद कर सकते हैं। गृहनगर हैदराबाद में ट्रेनिंग करने को लेकर मैं बहुत खुश हूं।’ सायना का हैदराबाद में लौटने का उद्देश्य मुलयो हांडोयो से ट्रेनिंग लेना भी है। जिन्हें भारतीय बैडमिंटन संघ (बाई) ने साल के शुरू में एकल कोच नियुक्त किया था। वह इंडोनेशिया के महान खिलाड़ी तौफिक हिदायत को कोचिंग दे चुके हैं। मुलयो के मार्गदर्शन में भारत ने अपार सफलता हासिल की। जिसमें पीवी सिंधु ने विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने के अलावा इंडिया सुपर सीरीज भी जीतीं। किदाम्बी श्रीकांत ने भी इंडोनेशिया और आस्ट्रेलिया में लगातार खिताब अपनी झोली में डाले जबकि बीसाई प्रणीत ने सिंगापुर में पहला सुपर सीरीज खिताब हासिल किया।
विमल ने कहा, ‘सायना ने विश्व चैंपियनशिप से लौटने के बाद इंडोनेशियाई कोच मुलयो के साथ काम करने के बारे में मेरी राय पूछी जिन्हें भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा लाया गया है जो राष्ट्रीय शिविरों में एकल खिलाड़ियों का प्रदर्शन देख रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘वह हैदराबाद में गोपीचंद अकादमी से जुड़े हुए हैं। मैंने उसे संकेत दिया कि एक बार कोशिश करने में कोई खराबी नहीं है।’ साइना ने लिखा, ‘मैं विमल सर की भी बहुत शुक्रगुजार हूं कि जिन्होंने पिछले तीन वर्षो में मेरी मदद की। उन्होंने मुझे विश्व की नंबर एक रैंकिंग में पहुंचने में सहायता की। (एजेंसी)