ब्रिक्स घोषणा पत्र में पहली बार शामिल हुआ पाक के आतंकी गुटों का मुद्दा

श्यामन (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सोमवार को ब्रिक्स सम्मेलन में बेहद अहम कूटनीतिक कामयाबी हासिल हुई। चीन नहीं चाहता था, इसके बावजूद संयुक्त घोषणापत्र में पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों के नाम बाकायदा शामिल किए गए। जैश-ए-मोहम्मद की अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कई बार हिमायत कर चुके चीन को इस मामले में झुकना पड़ा। संयुक्त घोषणापत्र में एशिया में आतंकवाद एवं च्हसा पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। ब्रिक्स देशों ने आतंकवाद फैलाने को लेकर पहली बार अपने घोषणपत्र में लश्कर-ए-तय्यबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों के नाम लिए और इस बात पर जोर दिया कि आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने, साजिश रचने और सहयोग करने वालों को जवाबदेह ठहराना चाहिए। भारत के लिए बड़ी राजनयिक जीत के घटनाक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्राजील के राष्ट्रपति माइकल टेमर और दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा ने इन संगठनों की आतंकी गतिविधियों की कड़ी निंदा की और इस समस्या से मिलकर लड़ने की प्रतिबद्धता जताई।ब्रिक्स नेताओं की बैठक के बाद जारी 43 पृष्ठों के श्यामन घोषणापत्र को पारित किया गया जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि अफगानिस्तान में हिंसा पर तत्काल विराम लगाने की जरूरत है। अल कायदा के सहयोगियों में ईस्टर्न तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट, इस्लामिक मूवमेंट आॅफ उजबेकिस्तान, हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तय्यबा, जैश-ए-मुहम्मद, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और हिज्ब उत-तहरीर शामिल हैं। ब्रिक्स सम्मेलन के अंत में जारी की गई श्यामन घोषणापत्र में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मांग की गई कि वह एक विस्तृत अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद रोधी गठबंधन की स्थापना करे। ब्रिक्स समूह में शामिल देश हैं- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका।