राष्ट्रपति अपने पहले दौरे पर जाएंगे लदख
नई दिल्ली। देश के नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने पहले दौरे पर 21 अगस्त को लेह-लद्दाख पहुंचेंगे। राष्ट्रपति अपने इस एक दिवसीय दौरे पर लद्दाख आर्मी कैंप का दौरा भी करेंगे। बता दें कि राष्ट्रपति बनने के बाद ये उनका पहला दौरा होगा। इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सैनिकों को संबोधित भी करेंगे। राष्ट्रपित सुबह लेह पहुंचेंगे और शाम को वहां से दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। सबसे अहम बात ये है कि राष्ट्रपति का ये दौरा उस समय है जब भारत और चीन के बीच डोकलाम में तनातनी की स्थिति बनी हुई है। बता दें कि इससे पहले साल 2010 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने लेह का दौरा किया था।
आर्मी चीफ बिपिन रावत भी अपने तीन दिन का दौरा लेह-लद्दाख करेंगे। बिपिन रावत का यह दौरा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के लेह लद्दाख दौरे से पहले हो रहा है, राष्ट्रपति 21 अगस्त को लद्दाख में होंगे। बिपिन रावत इस दौरे में ताजा हालात की जानकारी ले सकते हैं, वहीं टॉप कमांडर के साथ रणनीति पर भी काम कर सकते हैं। वहीं राष्ट्रपति कोविंद का दौरा सिर्फ एक दिन का ही होगा। कोविंद वहां पर कई तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे। राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद की यह पहली यात्रा होगी।
आपको बता दें कि पिछले लगभग दो महीने से डोकलाम के मुद्दे पर भारत और चीन आमने-सामने हैं। लेकिन भारत और चीन की सेनाओं के बीच मंगलवार को पेंगोंग झील के पास टकराव की स्थिति आ गई थी। गतिरोध लगभग आधे घंटे तक चला और फिर दोनों पक्ष वापस चले गए। घुसपैठ की कोशिश में नाकाम होते देख चीनी सैनिकों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी थी। पत्थरबाजी से दोनों तरफ सैनिकों को हल्की चोटें आने की खबर है।
हालांकि चीन ने इस मुद्दे पर कहा कि उसे लद्दाख में पेंगोंग झील के किनारे भारतीय क्षेत्र में पीएलए के जवानों के घुसने संबंधी रिपोर्टों की कोई जानकारी नहीं है और वह सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय सुरक्षा रक्षकों ने लद्दाख में भारतीय क्षेत्र में घुसने की चीनी सैनिकों की कोशिश को नाकाम कर दिया था जिसके बाद पथराव हुआ और उसमें दोनों तरफ के लोगों को मामूली चोटें आईं। चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हु चुनयिंग से जब इस घटना के संबंध में टिप्पणी करने को कहा गया तो उन्होंने कहा, मुझे इसकी जानकारी नहीं है।
बता दें कि पिछले महीने ही रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की है। जिसके बाद 25 जुलाई को रामनाथ कोविंद ने भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपित चुनाव में रामनाथ कोविंद को 66 फीसदी वोट मिले थे जबकि यूपीए की उम्मीदवार मीरा कुमार को सिर्फ 34 फीसदी वोट मिले थे।