बिहार में भारी बारिश से अब तक 72 की मौत, 17 जिलों के 73 लाख लोग प्रभावित
पटना/मुजफ्फरपुर/भागलपुर। बिहार में लगातार हो रही बारिश और नेपाल से आ रहे पानी की वजह से 17 जिले में बाढ़ से हालात खराब हैं। इसका सीधा असर 73 लाख लोगों पर हुआ है। पिछले 24 घंटों में 16 और लोगों की मौत हो गई। इससे मौत की तादाद बढ़कर 72 हो गई है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना की टीमों में करीब पौने तीन लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। एयर फोर्स के दो हेलिकॉप्टरों के जरिए प्रभावित इलाकों में खाने का पैकेट गिराया जा रहा है। डिजास्टर डिपाटर्मेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी प्रत्यय अमृत ने बताया कि एनडीआरएफ की एक-एक एडिशनल टीम को खगड़िया, गोपालगंज, पश्चिमी चम्पारण, पूर्वी चंपारण और सारण भेजा गया है। वहीं, एसडीआरएफ की एक टीम को बचाव कार्य के लिए सहरसा भेजा गया है।
वहीं किशनगंज में बुधवार को राहत सामग्री न मिलने से पीड़ितों ने नेशनल हाइवे जाम कर दिया था। कांग्रेस सांसद असरारुल हक कासमी को करीब 3 घंटे तक बंधक बनाए रखा था। उत्तर बिहार में बाढ़ के कारण 4.43 लाख हेक्टेयर में क्षेत्र में फसल को नुकसान हुआ है। इसमें 2.23 लाख हेक्टेयर धान की फसल है। बुधवार को एग्रीकल्चर डिपाटर्मेंट ने बाढ़ से प्रभावित 13 जिलों से रिपोर्ट ली थी।
खराब मौसम के चलते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का एरियल सर्वे नहीं कर पाए थे। उन्होंने अपने आॅफिस से ही राहत और बचाव के काम की मॉनिटरिंग की थी। आज मुख्यमंत्री गोपालगंज और पूर्वी-पश्चिमी चंपारण जिले का एरियल सर्वे करेंगे। उन्होंने मंगलवार को मोतिहारी, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी और दरभंगा का एरियल सर्वे किया था।
अभी 17 जिले प्रभावित
1) खगड़िया, 2) गोपालगंज, 3) पश्चिमी चंपारण, 4) पूर्वी चंपारण, 5) सारण, 6) किशनगंज, 7) कटिहार , 8) अररिया, 9) मुजफ्फरपुर, 10) दरभंगा, 11) सीतामढ़ी, 12) पूणिर्या, 13) भागलपुर, 14) मोतिहारी, 15) मधुबनी, 16) सहरसा और 17) शिवहर।
आमतौर पर इन 28 जिलों पर होता है असर
अररिया, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, पूर्वी पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पटना, पूणिर्या, सहरसा, समस्तीपुर, सारण, शेखपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, सीवान, सुपौल, वैशाली।
खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं 10 नदियां
इस साल दस प्रमुख नदियां लगातार खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। इनमें बागमती, कमला बलान, अधवारा, खिरोई, महानंदा, कोसी, घाघरा और गंडक शामिल हैं। गंगा भी लाल निशान के करीब पहुंच चुकी है। इन नदियों केआसपास के इलाकों में रहने वाले लोग हर साल बाढ़ से जूझते हैं और बड़ा नुकसान उठाते हैं। बिहार में सबसे लंबा तटबंध 780 किलोमीटर बूढ़ी गंडक पर है जबकि सबसे छोटातटबंध किउल हरोहर पर 14 किलोमीटर का है।