रास चुनाव : कांग्रेस को जिसका डर था वही हुआ

अहमदाबाद/नई दिल्ली(एजेंसी)। रास की तीनों सीटों के लिए गुजरात विधानसभा में कुछ देर पहले वोटिंग खत्म हो गई। चुनाव में 176 विधायकों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस बीच कांग्रेस को जिसका डर था वहीं हुआ। कांग्रेस के 44 में से एक विधायक ने क्रॉस वोटिंग किया। क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायक साणंद से हैं। इसी के साथ राज्यसभा के लिए मतदान पूरा हो गया है। शक्ति सिंह गोहिल ने चुनाव अधिकारी की भूमिका पर भी सवाल उठाये। दो वोट को लेकर बीजेपी कांग्रेस में ठन गई है। पोलिंग बूथ पर गहमा गहमी का माहौल है।
वोट का खुलासा करने पर कोंग्रेस ने बीजेपी के जबकि बीजेपी ने कोंग्रेस के वोट रद्द करने की गुहार लगाई।नाराज विधायक राघवजी पटेल ने भाजपा को वोट देने के बाद वोट की पर्ची दिखाई जबकि कांग्रेस के विधायक भोला पटेल ने भी पर्ची दिखाई थी। जीतू वाघानी ने कहा चुनाव अधिकारी पर कांग्रेस के आरोप दुर्भाग्यपूर्ण है।अधिकारी पर संदेह था तो पहले क्यों नहीं कहा? इस बीच वोटों की गिनती जारी है। वहीं कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने दावा किया है कि हमें कुल 43 कांग्रेस, 1 जेडीयू और 1 एनसीपी के विधायकों का वोट मिला है। इसके साथ ही अहमद पटेल अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा कि संख्याबल हमारे पक्ष में है। रिजल्ट अच्छा आएगा। गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल का कहना है कि हमारे उम्मीदवारों की जीत पक्की है, चुनाव की घोषणा के बाद से ही पार्टी इसके लिए काम कर रही थी।
गुजरात कांग्रेस ने अपने कई विधायक जिन्होंने भाजपा के उम्मीदवार को वोट किया, उनके खिलाफ पार्टी हाइकमान से लिखित में शिकायत दर्ज कराई है। ये विधायक हैं राघवजी पटेल, महेंन्द्र सिंह वाघेला, राघवजी पटेल व धमेन्द्र सिंह जाडेजा। वहीं कांग्रेस छो़ड़ चुके गुजरात के पूर्व सीएम व विधायक शंकर सिंह वाघेला ने मतदान के बाद कहा कि मैंने अहमद पटेल को वोट नहीं दिया है। कांग्रेस पार्टी को बहुत समझाया था। कांग्रेस को वोट देने का मतलब नहीं था, क्योंकि कांग्रेस के जीतने का सवाल ही पैदा नहीं होता है।’ कांग्रेस के दो विधायकों हकूभाई जाडेजा और राघवजी पटेल ने भी भाजपा के उम्मीदवारों को दिया है। वहीं एनसीपी नेता माजिद मेनन ने मतदान के बाद कहा कि उनकी पार्टी का समर्थन अहमद पटेल को है। हालांकि मजीद मेमन ने कहा कि ऐसी स्थिति अहमद पटेल की वजह से बनी है, कांग्रेस के ही आधे लोग भाजपा के लिए वोट कर सकते हैं।
हालांकि एनसीपी विधायक कांधल जाडेजा ने इशारों ही इशारों में भाजपा के समर्थन की बात कही। लेकिन एनसीपी विधायक जयंत पटेल ने अहमद पटेल को वोट देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि कांधल जाडेजा पहली बार विधायक बने हैं। वह निर्दोष हैं। हमारा वोट यूपीए के लिए है। अहमद पटेल ओर बलवंत सिंह राजपूत के बीच टक्कर बेहद कड़ी नजर आ रही है। गुजरात में जेडीयू के विधायक छोटू भाई वसावा ने वोट डाला, जो शरद यादव के करीबी माने जाते हैं। माना जा रहा है कि वसावा पार्टी विप से अलग जाकर अहमद पटेल को वोट दे सकते हैं। वसावा ने वोट देने के बाद कहा कि वह नहीं बताएंगे कि उन्होंने वोट किसे दिया है।
इधर वाघेला ने कहा कि कांग्रेस के 44 में से टूटेंगे 3-4 विधायक और पटेल चुनाव हार जाएंगे। मैं अपना वोट बर्बाद नहीं करना चाहता था। इसलिए मैंने पटेल को वोट नहीं दिया है। मुझे पटेल को वोट ना देने का अफसोस है। हमसे बोला गया कि जहां जाना है जाइए। गुजरात में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए होने वाले चुनाव पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। तीन सीटों पर चार उम्मीदवार खड़े हैं। भाजपा की ओर से अमित शाह और स्मृति ईरानी की जीत पक्की मानी जा रही है। लड़ाई तीसरी सीट को लेकर है, जिस पर कांग्रेस नेता और सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल उम्मीदवार हैं। इस सीट पर भाजपा ने कांग्रेस से आए नेता बलवंत सिंह राजपूत को उम्मीदवार बना दिया है। भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी और अमित शाह राज्य विधानसभा पहुंचे और उनके साथ विजय रूपानी भी नजर आए।
67 साल के अहमद पटेल कांग्रेस के शीर्ष परिवार की तीन पीढ़ियों को सियासी मंत्र पढ़ाते रहे हैं। सीधे चुनाव से परहेज कर विधानसभा के रास्ते पांचवीं बार राज्यसभा में जाने का इस बार का प्रयास उनके सियासी जीवन की सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से उनकी सियासी अदावत ने उन्हें चक्रव्यूह में फंसा दिया है। मंगलवार को गुजरात में हो रहे राज्यसभा चुनाव उनके भावी सियासी जीवन का भी रास्ता तय करेंगे। जीते तो कद बरकरार रहेगा, हारे तो हाशिए पर जा जाएंगे।