हृदय गति रुकने से बीआरपी रामजीत की मौत

स्थानांतरण हो जाने के बाद वह मानसिक और आर्थिक रूप से थे परेशान


मौके पर पहुंचे बीआरपी-सीआरपी महासंघ के जिलाध्यक्ष ने मौत का जिम्मेदार जिला प्रशासन को ठहराया


 झारखंड (गढ़वा)। सदर प्रखंड के बीआरसी में कार्यरत बीआरपी रामजीत मेहता का बृहस्पतिवार को हृदय गति रुकने से निधन हो गया। यह सूचना मिलते ही बीआरपी-सीआरपी उनके घर पहुंचकर उनके परिजनों को सांत्वना दिया। उसके बाद गढ़वा बीआरसी में रामजीत मेहता के शव को लाया गया, जहां सदस्यों ने मृतक बीआरपी को श्रद्धाजंलि दी। वहीं मौजूद बीआरपी-सीआरपी महासंघ के जिलाध्यक्ष अरविन्द चौबे ने उनकी मौत का जिम्मेदार जिला प्रशासन को ठहराया। उन्होंने कहा कि डीसी, डीएसई और एडीपीओ ने परियोजना कर्मी और बीआरपी-सीआरपी का नियम विरुद्ध स्थानांतरण कर दिया। 26 जून को संघ के लोगों ने जिला प्रशासन को आवेदन देकर स्थानांतरण रोकने की मांग की थी। नहीं रोकने की स्थिति में कोई अप्रिय घटना घट सकती है। जिसकी जिम्मेवारी प्रशासन पर होगी। स्थानांतरण के बाद से रामजीत लगातार मानसिक तनाव में थे। जिसके कारण बृहस्पतिवार को उनका निधन हो गया। रामजीत के परिजन को मुआवजा और नौकरी के साथ स्थानांतरण पर रोक नहीं लगती है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। रामजीत के निधन के बाद कर्मियों के बीच प्रशासन के प्रति रोष है। कर्मियों ने डीसी, डीएसई और एडीपीओ के विरुद्ध नारेबाजी भी की।