मथुरा सर्राफ मर्डर : पकड़े गए आरोपी
मथुरा। मथुरा में चार दिन पहले होली गेट में हुई सर्राफा व्यापारी की दुकान में हुई लूट व दो सर्राफ की हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। मथुरा पुलिस ने राजस्थान पुलिस के सहयोग से अहम सफलता हासिल करते हुए घटना के पांच आरोपियों को दबोच लिया। वारदात के दौरान लूटा गया कुछ माल भी बरामद कर लिया। यह गिरफ्तारी एक मुठभेड़ के बाद संभव हुई है।
इस मुठभेड़ में 7 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। वारदात को अंजाम देने वाला गिरोह का मुख्य सरगना राकेश उर्फ रंगा पुत्र बालमुकंद चतुर्वेदी निवासी चौबेपाड़ा थाना मथुरा को भी पुलिस ने दबोच लिया है। रंगा के साथ आदित्य, नीरज, चीनी, आयुष और छोटू पकड़े गए हैं। नीरज के पेट और पीठ में गोली लगी है, जबकि रंगा के पैर में गोली लगी है। मुठभेड़ में घायल नीरज को आगरा रेफर कर दिया गया है।
पुलिस ने शनिवा सुबह 5:30 बजे चौबिया पाड़ा क्षेत्र में एक जर्जर मकान को घेर दबिश दी। जैसे ही पुलिस ने मकान में घुसने की कोशिश की ऊपर से खिड़कियां खोलकर फायरिंग शुरू हो गई। इसी मकान में रंगा उर्फ राकेश अपने भाई कामेश्वर चतुर्वेदी, नीरज उर्फ चीना और उसके साले छोटू, आदित्य व आयुष के साथ छुपा हुआ था। दोनों तरफ से करीब 15 मिनट ताबड़तोड़ फायरिंग हुई। नीरज के पेट व पीठ में गोली लगी, जबकि रंगा के मकान से कूदते समय पैर में पुलिस की गोली लगी। जिससे रंगा गिर पड़ा।इसके बाद गैंग ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। गैंग को पकड़ने के लिए एसटीएफ समेत कई टीमें लगाई थीं, मगर एसएसपी विनोद कुमार मिश्रा और एसपी सिटी अशोक कुमार ने टीम के साथ सुबह सफलता प्राप्त कर ली। पकड़े गए बदमाशों से लूट का माल बरामद हो गया है।
एसएसपी ने बताया कि मुठभेड़ में रंगा और नीरज घायल हुए हैं, जबकि निलंबित कोतवाल एस पी सिंह समय आधा दर्जन पुलिसकमिर्यों के भी चोटें आई हैं। उन्हें भी इलाज के लिए भेजा गया है। नीरज की हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल से आगरा रेफर कर दिया गया है। एसएसपी ने बताया कि अभी बदमाशों से पूछताछ हो रही है। जो सामने आएगा उसकी भी तस्दीक कराई जाएगी। माना जा रहा है कि इस गैंग से अन्य घटनाओं का भी खुलासा होगा।
यह गैंग लंबे समय से चौबिया पाड़ा क्षेत्र में रहकर रंगदारी वसूल करता था। इसी गैंग ने क्षेत्र में भोले और तौले बाबा की भी हत्या की थी। गैंग के सामने इलाके में कोई भी शख्स जुबान खोलने की हिम्मत नहीं रखता था। यही वजह थी कि लोग पहचानने के बावजूद भी पुलिस का सहयोग नहीं कर रहे थे। उन्हें डर था अगर गैंग को पता लग गया तो वह उनके ऊपर हमला कर देगा। मथुरा में दुकान में घुसकर दो सर्राफा कारोबारियों की हत्याकांड के मामले में रंगा-बिल्ला गिरोह का हाथ सामने आ रहा है। पुलिस ने मुठभेड़ के बाद रंगा-चीमा समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। रंगा-चीमा पर कई आपराधिक मामले हैं। कारोबारियों की हत्या के बाद से ही आरोपी पुलिस की नजर में थे। सीसीटीवी में हत्यारों की करतूत रिकॉर्ड हो गई थी। हाल ही में विधानसभा सत्र के पहले दिन यह मामला विपक्ष ने उठाया था।
सीएम ने अफसरों को तीन दिन के अन्दर आरोपियों को पकड़ने का अल्टीमेटम दिया था। विधानसभा में कहा था कि आरोपी पकड़े जाएंगे। यूपी के डीजीपी सुलखान सिंह खुद मथुरा गए थे और केस का फॉलोअप लिया था।मामले के तूल पकड़ने के बाद पांच पुलिसकमिर्यों को लापरवाही के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया था। इस बारे में मथुरा एसएसपी ने बताया था कि आरोपियों को पकड़ने और जांच के लिए पांच टीमें गठित की गई थीं। बाजार के सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के सहारे हत्यारों तक पहुंचने का क्लू मिला। मुठभेड़ के बाद आरोपियों के पकड़े जाने की बात की जा रही है। लूट की घटना का पर्दाफाश करने के लिए आंदोलनरत मथुरा के व्यापारियों की मांग पर वारदात का अनावरण करने के लिए यूपी पुलिस ने राजस्थान पुलिस के दो पुलिस अधिकारी डीग के अतिरिक्त पुलिस उपाधीक्षक सुरेंद्र सिंह कविया व नगर थाना प्रभारी बृजेंद्र सिंह यादव का सहयोग लिया।
पुलिस ने चौबियापाड़ा की हनुमान गली से ही बदमाशों राकेश उर्फ रंगा, यूसुफ, आदित्य, आयुष और कामेश को गिरफ्तार किया है। पुलिस को रंगा पर ही शक था । बदमाश धीरज के पेट में गोली लगने की बात भी सामने आयी है। उसका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस ने रात में एक अपराधी को जेल से लेकर उसकी निशानदेही पर इन्हें पकड़ा। उसे इनके ठिकाने पता थे। पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका खुलासा कर सकती है।