लालू के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महागठबंधन पर संकट
पटना। चारा घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट के अहम फैसले से एक ओर लालू यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं तो वहीं बिहार में इसको लेकर राजनीति तेज हो गई है। विभिन्न राजनीतिक दल जहां सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सही ठहराया है वहीं विपक्षी पार्टी भाजपा ने लालू यादव को चहुं ओर से घेरकर उनपर लगाए गए सभी आरोपों पर करारा हमला किया है।
सुशील मोदी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा है कि अब साबित हो गया है कि लालू अपराध की राजनीति करने के माहिर खिलाड़ी हैं। अब इतना तय है कि इनका महागठबंधन अब ज्यादा दिन चलने वाला नहीं है। अभी हाल ही में टेप प्रकरण में उनका अपराध और अपराधों के शहंशाह शहाबुद्दीन से लालू की बातचीत सामने आई है और अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को न्यायिक मामला बताया है उसपर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि हाइकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का उलट फैसला है, लेकिन लालू पर जो आरोप लगे हैं वो गंभीर हैं।
भाजपा नेता नंदकिशोर यादव ने कहा है कि जैसी करनी, वैसी भरनी। जो जैसा करेगा उसे वैसा अंजाम भुगतना ही होगा। उन्होंने कहा कि अपराधी कितना भी बड़ा क्यों ना हो? कानून से बड़ा कोई नहीं हो सकता। सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है।
राजद नेता शिवानंद तिवारी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से महागठबंधन पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है। विपक्ष का जो काम है वो अपना काम करता रहे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एचके वर्मा ने कहा है कि लालू प्रसाद के मामले में आए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से महागठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बिहार की महागठबंधन सरकार न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाकर उसके आधार पर राज्य के विकास में लगी हुई है। भाजपा और इनके सहयोगियों को सरकार के अच्छे काम भी बुरे लगते हैं। इन्हें मूलत: टीका टिप्पणी करने में महारत हासिल हैं।
उन्होंने कहा कि राजनीति में केस मुकदमे लगे ही रहते हैं। राजद प्रमुख लालू प्रसाद पर यह कोई पहला मामला नहीं है। कोर्ट के आज आए फैसले से महागठबंधन पर न तो पूर्व में कोई असर पड़ा था न ही भविष्य में पड़ेगा। जिन्हें राजनीति की समझ नहीं वे ऐसे मामलों में अपनी टिप्पणी देकर आम जनता को दिगभ्रमित करना चाहते हैं।