सुकमा नक्सली हमला : सीआरपीएफ जवानों ने डट कर किया था मुकाबला, 40 की बचाई जान : डीजी

2010 में इसी जगह हुए नक्सली हमले में 76 जवान शहीद हो गए थे


नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों के घात लगाकर किए गए हमले में सीआरपीएफ के 25 जवानों को शहादत देनी पड़ी जबकि 7 जवान घायल हो गए। ये जवान सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के थे। घटना सोमवार दोपहर 12 बजे की है जब जवानों की टीम रोड ओपनिंग के लिए निकली थी। सड़क निर्माण की सुरक्षा में लगे ये जवान खाना खाने की तैयारी कर रहे थे उसी दौरान घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने जवानों पर गोलीबारी शुरू कर दी। खास बात यह है कि 2010 में इसी जगह हुए नक्सली हमले में 76 जवान शहीद हो गए थे। फिलहाल घटनास्थल पर सीआरपीएफ की कोबरा टीम तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। इस घटना के बाद दूसरे इलाकों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसी दौरान दंतेवाड़ा में भी सुरक्षा बलों ने IED को डिफ़्यूज कर दिया। नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के रास्ते में ये IED लगाई थी।
डीजी डीएम अवस्थी (नक्सल आॅपरेशन) ने एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि जवानों ने एसओपी का उल्लंघन नहीं किया। 70 से ज्यादा जवान सुरक्षित लौटे हैं। सीआरपीएफ ने जमकर मुकाबला किया था। किसी विस्फोटक का इस्तेमाल नहीं हुआ। सिर्फ गोलियां चलीं। लड़ाई लंबी चली थी। यही नहीं जो लोग रोड कंस्ट्रक्शन के काम में लगे थे उनकी जान भी जवानों ने बचाई। करीब 40 लोगों की जान बचाई गई। इससे जवानों का हौंसला कम नहीं होगा। सड़क निर्माण का काम नहीं रुकेगा। काम चलता रहेगा। 10 से ज्यादा नक्सलियों के मरने की भी सूचना है। उनकी संख्या पुख्ता नहीं बताई जा सकती क्योंकि नक्सली शव खींचकर ले जाते हैं। इससे पूर्व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी थी।