महिलाओं के अधिकार पर हमला है तीन तलाक : योगी आदित्यनाथ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन तलाक और कॉमन सिविल कोड के मामले पर बड़ा बयान दिया है। योगी ने लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि तीन तलाक महिलाओं के अधिकार पर हमला है लेकिन कुछ लोगों के मुंह क्यों बंद हैं। योगी ने इस मामले पर द्रौपदी के चीरहरण का उदाहरण दिया। सीएम योगी लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जयंती पर किताब विमोचन के कार्यक्रम में बोल रहे थे।
योगी आदित्यनाथ ने तीन तलाक के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि देश की समस्या पर कुछ लोगों के मुंह बंद हैं, तीन तलाक पर कुछ लोगों ने अपने मुंह को बंद कर रखा है। कश्मीर की समस्या हो या पंजाब की समस्या हो या फिर श्रीलंका की समस्या हो। उन्होंने कहा कि देश अगर एक है तो देश में कॉमन सिविल कोड क्यों नहीं है। संविधान के दायरे में रहकर राजनीति होनी चाहिए। चंद्रशेखर समान कानून के सहयोगी थे। योगी ने कहा कि जो लोग इस मुद्दे पर चुप हैं वह भी अपराधी जैसे हैं।
योगी ने कहा कि पूर्व पीएम चंद्रशेखर ने कश्मीर के जाने पर एकता जाने की बात की थी, हमनें उनके अनेक रूपों को देखा है। योगी बोले कि चंद्रेशखर में राष्ट्र की समस्याओं को दूर करने की वेदना थी, चंद्रशेखर समाजवादी होते हुए भी आध्यात्मिक थे। योगी ने कहा कि चंद्रशेखर ने स्वदेशी आंदोलन को काफी बल दिया था। सीएम योगी ने कहा विचारधारा कोई भी हो, लेकिन सभी का लक्ष्य लोक कल्याण ही होना चाहिए।
योगी ने कहा कि चंद्रशेखर जी में कड़वे सच को बोलने का साहस था। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर एक थे, लेकिन कई विचारधाराओं को नेतृत्व करते थे।योगी ने कहा कि लोग चंद्रशेखर के बारे में 10 तरह की बातें करते हैं, लेकिन अगर वह उनकी बातों की गहराहियों को जानने का प्रयास करेंगे तो उन्हें सच्चाई का पता चलेगा। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तीन तलाक को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा है कि तीन तलाक से मुस्लिम बहनों को दिक्कत हो रही है और केंद्र सरकार इस पर जल्द हल चाहती है। पीएम मोदी ने ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित बीजेपी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कायर्कारिणी के आखिरी दिन रविवार को कहा कि बीजेपी का रुख तीन तलाक मुद्दे पर बिल्कुल साफ है।
पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे वरिष्ठ नेता कहा करते थे, राज नहीं समाज को बदलना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर कोई सामाजिक बुराई है तो समाज को जागना चाहिए और न्याय प्रदान करने की दिशा में प्रयास करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मुस्लिम महिलाओं को शोषण का सामना नहीं करना चाहिए।
आपको बता दें कि आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बेवजह तीन तलाक देने वाले शख्स का सामाजिक बहिष्कार करने का फैसला किया है। मुस्लिम बोर्ड ने तीन तलाक पर 5 करोड़ महिलाओं के सर्वे का हवाला दिया और कहा कि मुस्लिम महिलाएं शरीयत के साथ हैं। मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने लखनऊ में चली दो दिन की बैठक के बाद साफ किया कि तलाकशुदा महिलाओं की हर संभव मदद के लिए पर्सनल लॉ बोर्ड तैयार है। बोर्ड ने मियां-बीवी के विवाद को लेकर कोड आॅफ कंडक्ट भी जारी किया और मुसलमानों को फिजूलखर्जी से बचने की सलाह दी। इसके साथ ही पर्सनल बोर्ड ने सलाह दी कि मां-बाप अपनी बेटी की शादी में दहेज ना देकर प्रोपर्टी में महिलाओं की हिस्सेदारी दें।