कुलभूषण मामल : नहीं माना पाक तो इंटरनेशनल कोर्ट जाएगा भारत

नई दिल्ली। पूर्व भारतीय नौसैनिक कुलभूषण जाधव की फांसी मामले में यदि पाकिस्तान अपने फैसले से पीछे नहीं हटता है, तो इसे लेकर भारत इंटरनेशनल कोर्ट का दरवाजा खटखटाने में देर नहीं करेगा। पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत की ओर से जासूसी के नाम पर भारत के कुलभूषण जाधव के मामले में फांसी की सजा सुनायी गयी है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को आगाह करते हुए कहा है कि इस मसले में पाकिस्तान यदि नहीं मानता है, तो भारत आउट आॅफ द वे जाकर कदम उठाने में नहीं हिचकेगगा। वहीं, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी पाकिस्तान को हिदायत देते इस मामले को लेकर इंटरनेशनल कोर्ट में जाने की हिदायत दी है। इसके साथ ही भारत के पास कई ऐसे मसले भी हैं, जिन पर दबाव बनाकर पाकिस्तान पर काबू पाया जा सकता है।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जाधव के मामले में भारत के उच्चायोग ने 13 बार काउंसलर एक्सेस करने कोशिश की, लेकिन पाकिस्तान ने ऐसा करने नहीं दिया। ये वियेना कंवेन्शन का उल्लंघन है। भारत इस मामले को लेकर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय तक जा सकता है। कुलभूषण की फांसी की सजा पर मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी कड़ी प्रतिक्रिया जतायी थी। एमनेस्टी ने कहा है कि जाधव को मौत की सजा देकर पाकिस्तान की आर्मी कोर्ट ने एक बार फिर दिखा दिया है कि किस तरह उसने अंतरराष्ट्रीय मानकों का माखौल उड़ाया है।
कुलभूषण जाधव मामले पर भारत सरकार हर हाल में पाकिस्तान पर दबाव बनायेगी। इसकी बानगी देखने को मिल भी गयी। जाधव को सजा सुनाये जाने के 12 घंटे के अंदर भारत ने 12 पाकिस्तानी कैदियों की रिहाई रोक दी। एक दर्जन पाकिस्तानी कैदियों की जेल की सजा पूरी होने के बाद रिहाई होने वाली थी और बुधवार को ये कैदी अपने वतन वापस जाने वाले थे, लेकिन सरकार ने इस फैसले को फिलहाल टाल दिया।
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हाल में अमेरिका ने भारत-पाकिस्तान के बीच वार्ता को फिर से शुरू कराने की बात कही तो भारत ने किसी मध्यस्थता की संभावना को सीधे खारिज कर दिया लेकिन पाकिस्तान ने तुरंत इसे लपक लिया। इससे साफ दिखता है कि पाकिस्तान बातचीत को कितना आतुर है। लेकिन अब जाधव मामले को लेकर भारत भविष्य में बातचीत की किसी संभावना को सिरे से खारिज कर सकता है। इससे पाकिस्तान को करारा झटका लगेगा। उरी हमले के बाद से भारत-पाक वार्ता बंद पड़ गई थी। भारत ने साफ कहा था आतंकवाद रुके बिना बात नहीं करेंगे। अप्रैल के बाद अमेरिका में आधाकारिक स्तर की वार्ता की संभावना जताई जा रही थी लेकिन अब भारत इसे खारिज कर सकता है।