अम्मा और एमजीआर के अच्छे कार्यों और विरासत को आगे ले जाना हम सब का कर्तव्य है : शशिकला
नई दिल्ली। तमिलनाडु में सत्ताधारी एआईएडीएम की महासचिव वीके शशिकला राज्य में जारी सियासी रस्साकशी में कायर्कारी सीएम ओ पन्नीरसेल्वम पर भारी पड़ती दिख रही है। समथर्कों के बीच अम्मा के नाम से मशहूर पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की राजनीतिक विरासत की इस जंग में शशिकला के धड़े ने 131 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। यहां बगावत पर उतारू पन्नीरसेल्वम ने विधानसभा में बहुमत साबित करने का दावा जरूर किया, लेकिन उन्होंने महज 50 विधायकों के अपने साथ होने की बात कही।
पन्नीरसेल्वम के इस दावे के बाद पार्टी की महासचिव शशिकला ने विधायकों की बैठक बुलाई। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बैठक में शशिकला ने 11 मिनटों के अपने संबोधन में विधायकों से उनके साथ रहने की अपील की। उन्होंने सभी विधायकों से साथ रहने का आह्वान करते हुए कहा कि पिछले 48 घंटों में जो कुछ भी हुआ, वो गद्दारों की साजिश हैं। आप उन गद्दारों के पीछे नहीं जाएं, हम सबको एकसाथ रहना चाहिए।
इस बैठक के बाद शशिकला ने पार्टी मुख्यालय से बाहर आकर समथर्कों का अभिवादन किया। सूत्रों ने साथ ही बताया कि पार्टी मुख्यालय में हुई इस बैठक में पार्टी के 134 में से 129 विधायक मौजूद थे, वहीं मनोरंजितम और तमीमुल अंसारी ने चिट्ठी भेजकर शशिकला को समर्थन जताया।
वहीं बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में शशिकला ने कहा, ‘अम्मा के निधन के बाद पन्नीरसेल्वम सहित तमाम नेताओं ने मुझसे सीएम पद की जिम्मेदारी संभालने को कहा। 33 सालों से मैं जयललिता के साथ थी। उनके निधन से मैं बेहद दुखी थी, इसलिए तब ऐसा नहीं किया।’ उन्होंने कहा, ‘अम्मा और एमजीआर के अच्छे कार्यों और विरासत को आगे ले जाना हम सब का कर्तव्य है। यहां कुछ ताकतें हैं, जो पार्टी को बांटना चाहती हैं, लेकिन उनकी बातों पर ध्यान नहीं दें।’
उन्होंने कहा, ‘मैं महसूस कर सकती हूं कि सीएम ने विपक्ष बहकावे में ये कदम उठाएं हैं। पन्नीरसेल्वम उस पार्टी के साथ जा मिले, जिसके खिलाफ अम्मा ने लड़ाई लड़ी। एक सच्चा एआईएडीएमके कार्यकर्ता कभी पार्टी की भलाई के खिलाफ कदम नहीं उठाएगा। कोई भी हमें बांट या तोड़ नहीं सकता। पार्टी महासचिव होने के नाते पन्नीरसेल्वम की इस गलत हरकतों के बाद अब मेरी जिम्मेदारी है कि मैं इस पर विराम लगाऊं।’
वहीं विपक्षी डीएमके ने इस पूरे मामले में सत्ताधारी एआईएडीएमके पर निशाना साधा है। डीएमके के कायर्कारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा, तमिलनाडु प्रशासन महज 8 महीनों में ही लड़खड़ा गया। गवर्नर को तमिलनाडु के हितों की रक्षा के लिए तुरंत कोई कदम उठाना चाहिए।’
पन्नीसेल्वम की डीएमके से मिलीभगत के आरोपों को स्टालिन ने पूरी तरह खारिज किया है। उन्हें देखकर पन्नीरसेल्वम के मुस्कुराने को लेकर शशिकला के आरोपों पर स्टालिन बोले, ‘कई बार ऐसा हुआ है जब जयललिता मुझसे असेंबली में मिलीं, उन्होंने मुस्कुराकर अभिवादन किया। क्या शशिकला जया पर सवाल उठाएंगी?
इससे पहले पन्नीरसेल्वम ने आज अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में 50 विधायकों के समर्थन की बात करते हुए विधानसभा में बहुमत साबित करने का दावा किया था। इसके साथ ही उन्होंने जयललिता की मौत के मामले में शशिकला पर परोक्ष रूप से निशाना भी साधा। पन्नीरसेल्वम ने यहां कहा, ‘हाल के दिनों अम्मा की बीमारी को लेकर उठाए जा रहे सवालों की जांच कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी हैं। इस मामले में जांच आयोग की सिफारिश करेंगे।’
उन्होंने कहा कि अम्मा करीब 16 वर्षों तक राज्य की मुख्यमंत्री रहीं, मैं भी अम्मा की इच्छा पर दो बार राज्य का मुख्यमंत्री बना और हमेशा अम्मा के पदचिह्नों पर चला। मैं लोगों के सामने अपना पक्ष रखने के लिए तमिलनाडु के हर शहर जाकर लोगों से मिलूंगा।’
वहीं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके पन्नीरसेल्वम ने साथ ही कहा कि ऐसा एक भी मौका नहीं, जब पन्नीरसेल्वम ने सत्ता या विपक्ष में रहते हुए पार्टी से गद्दारी की है। अगर पार्टी काडर कहेंगे तो मैं अपना इस्तीफा वापस ले लूंगा। इसके साथ ही पन्नीरसेल्वम ने कहा, ‘सीएम होना एक बड़ी जिम्मेदारी है लेकिन हर कदम पर मेरी करीबियों ने मुझे अपमानित किया।’
तमिलनाडु के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके पन्नीरसेल्वम ने कहा है, केंद्र सरकार तमिल लोगों के साथ है। जो कोई भी तमिलों का साथ देगा, हम उसे स्वीकार करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर दीपा (जयललिता की भतीजी) ने हमें समर्थन दिया, तो हमें स्वीकार होगा। इस बीच खबर है कि दीपा थोड़ी ही देर में पन्नीरसेल्वम से मुलाकात करेंगी।
वहीं राज्य में जारी इस सारी रस्साकशी की केंद्र रहीं शशिकला के बारे में पन्नीरसेल्वम कहते हैं कि वह पार्टी अंतरिम महासचिव बनी रहेंगी। हालांकि एआईडीएमके के लिए महासचिव चुनने के लिए औपचारिक ढंग से चुनाव कराए जाएंगे।
तमिलनाडु के 234 सदस्यीय विधानसभा में सत्ताधारी अकअऊटङ के पास 134 विधायक हैं। ऐसे में बगावत पर उतारू पन्नीरसेल्वम को बहुमत के लिए 118 विधायकों की दरकार होगी। हालांकि अभी 50 विधायकों के समर्थन का दावा करने वाले पन्नीरसेल्वम यह भी कहते हैं कि वह विधानसभा में अपनी शक्ति दिखाएंगे।
बता दें कि जयललिता की मौत के बाद राज्य के मुख्यमंत्री बने ओ। पन्नीरसेल्वम को एआईएडीएम की महासचिव शशिकला नटराजन ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के दो दिन बाद ही शशिकला के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पन्नीरसेल्वम को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। मंगलवार देर रात को ये फैसला लिया गया।
इस बीच शशिकला को चुनाव आयोग से झटका लगा है। आयोग ने शशिकला को एआईएडीएम का अंतरिम महासचिव बनाए जाने में नियमों का पालन नहीं किया गया। आयोग ने इस संबंध में तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी को नोटिस जारी करते हुए शशिकला को महासचिव बनाने के जुड़े प्रस्ताव की कॉपी सहित दूसरे विवरण मांगे हैं।