कांग्रेस से रिश्ते तोड़ने के बाद एसएम कृष्णा भाजपा में होंगे शामिल

बेंगलुरू। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा ने कांग्रेस पार्टी से अपने रिश्ते तोड़ने का औपचारिक ऐलान कुछ दिन पहले ही कर दिया था। अब उनके भाजपा में जाने की खबरें आ रही हैं। इस बारें भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि वह (कृष्णा) भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बनेंगे। इससे पहले कृष्णा ने बताया था कि यूपीए-2 के कायर्काल के दौरान अचानक जिस तरह से उन्हें विदेशमंत्री के पद से हटाया गया वह तिरस्कारपूर्ण था। उन्होंने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के साथ काम किया था। कम से कम उन्हें बुलाकर सम्मानजनक तरीके से विदाई दी जा सकती थी जो कि हुआ नहीं। इससे वह काफी निराश थे।
पिछले शनिवार को मीडिया से बात करते हुए कृष्णा ने जानकारी दी थी कि मैंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर बताया था कि वह पार्टी छोड़ना चाहते हैं। पिछले साल 2016 में कैबिनेट विस्तार के बाद जब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ कांग्रेस के अंदर बगावत के सुर तेज़ थे तब ऐसा कहा जाता है कि कांग्रेस हाईकमांड ने उनसे संपर्क साधा था ताकि विरोध को दबाया जा सके। कहते हैं कि तब कृष्णा ने खुद को आगे कर मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करने की कोशिश की थी। तब से एसएम कृष्णा और कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के बीच फासला और बढ़ गया था। हालांकि इस खबर की कभी भी एसएम कृष्णा की तरफ से पुष्टि नहीं की गई। इस बीच कृष्णा ने अपने नेम प्लेट में भी बदलाव कर लिया है।
पहले कृष्णा के अंत में सिर्फ एक ए होता था अब उसकी जगह दो ए दिखे। पूछे जाने पर कृष्णा ने कहा कि उन्होंने यह कदम तेज़ी से कामयाबी की सीढ़ियां लांघने के लिए उठाया है। कृष्णा एक समय में काफी लोकप्रिय थे, लेकिन 84 साल की इस उम्र में अब वह पकड़ बदले हुए राजनितिक परिवेश में कमज़ोर पड़े हैं। देवेगौड़ा से उनके निजी संबंध बहुत भरोसेमंद नहीं हैं, ऐसे में बीजेपी से भविष्य में वह नाता जोड़ेंगे ऐसा माना जा रहा है। भले ही एसएम कृष्णा की पकड़ वोकालिग्गा वोटर्स पर पहले जैसी मजबूत न हो लेकिन मैसूर मण्डया क्षेत्र की तक़रीबन आधा दर्जन विधानसभा क्षेत्रों में हार जीत के बीच निर्णायक भूमिका निभाने की हैसियत रखते हैं।