रायबरेली-अमेठी के गठबंधन को लेकर सपा-कांग्रेस में टकराव बना हुआ है
लखनऊ। बात 2012 के विधानसभा चुनाव के आंकड़ों के आधार पर हो तो अमेठी, रायबरेली की दस में सात सीटों पर समाजवादी पार्टी का हक है। अगर भविष्य की उम्मीद और लोकसभा परिणाम मानक हैं तो कांग्रेस का दावा भारी है। फिर भी नए गठबंधन के दोनों साथी तय नहीं कर पाये हैं कि कौन किस सीट पर लड़ेगा? इससे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता बेचैन हैं क्योंकि उनका सात सीटों पर कब्जा है। दो विधायक मंत्री भी हैं।
अमेठी-रायबरेली गांधी परिवार का सियासी दुर्ग रहा है, जिसमें सबसे अधिक सेंध समाजवादियों ने ही लगाई है। लोकसभा चुनाव में सपा यहां अपने प्रत्याशी नहीं उतारती थी, मगर विधानसभा चुनाव में उसके प्रत्याशियों ने जातीय समीकरणों के बूते कांग्रेस के पैर उखाड़ दिये थे। 2012 के विधानसभा चुनाव में इन दोनों जिलों की दस सीटों में सिर्फ दो पर ही कांग्रेसी जीत सके थे। एक सीट पीस पार्टी ने जीती थी। कांग्रेसी जिन सीटों पर हारे उनमें से गौरीगंज को छोड़कर सभी पर वे तीसरे स्थान पर रहे। सपा-कांग्रेस में गठबंधन के बाद इन्ही सीटों के बंटवारे पर फंसा पेंच सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह ‘मुख्य मुद्दा नहीं है और कहीं न कहीं कंप्रोमाइज करना ही पड़ता है।
बावजूद इसके रायबरेली जिले में नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बाद भी सीट बंटवारे को लेकर उलझा पेंच खुल नहीं पा रही है। ऊपर से समाजवादी पार्टी ने अपने दोनों मंत्रियों, विधायकों को नामांकन से रोक दिया है। हालांकि सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी कहते हैैं कि कहीं कोई पेंच नहीं है। यह बात सही है तो दोनों दलों का नेतृत्व स्थिति साफ क्यों नहीं कर रहा है? कार्यकर्ताओं का यह सवाल है। सपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि समय कम है। ब्राहमण मतदाताओं के प्रभाव वाले इन जिलों में किसी दल ने अभी तक उनकी जाति का प्रत्याशी नहीं उतारा। मंत्री मनोज कुमार पांडेय जरूर अपवाद हैैं, मगर उनके टिकट को लेकर भी असमंजस है। उनकी ऊंचाहार सीट पर भी कांग्रेस दावा ठोंक रही है।
अखिल भारतीय ब्राहमण सभा के अध्यक्ष व पूर्व विधायक स्वामी हर चिन्यानंद का कहना है कि गठबंधन के साथी साफ नहीं कर रहे हैैं कि किस सीट पर कौन प्रत्याशी होगा, इससे समाज के लोग उलझन में हैैं। वह नया विकल्प भी तलाश सकते हैैं। रायबरेली में छह फरवरी नाम दाखिले की अंतिम तिथि है जबकि अमेठी जिले में पांचवे चरण में चुनाव है और नामांकन की अंतिम तिथि नौ फरवरी है।