बजट 2017: ई-टिकट पर टैक्स नहीं, सस्ती होगी यात्रा

नई दिल्ली। पहली बार रेल बजट को आम बजट में शामिल किया गया। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि मुझे इसे पेश करते हुए खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि भारत अब रेलवे, सड़कों, जलमार्गों और नागरिक उड्डयन में होने वाले निवेश में सामंजस्य बैठाने की स्थिति में आ गया है।
जेटली ने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 में रेलवे का कुल पूंजीगत एवं विकास व्यय एक लाख 31 हजार करोड़ रुपए आंका गया है, जिसमें सरकार द्वारा मुहैया कराई गई 55,000 करोड़ रुपए की राशि भी शामिल है। आईआरसीटीसी, आईआरएससी और इरकॉन जैसे सरकारी क्षेत्र के रेलवे उद्यमों के शेयरों को शेयर बाजार में सूचिबद्ध किया जाएगा।
ई-टिकिट पर सर्विस टैक्स नहीं लगेगा यानी ई-टिकिट से यात्रा सस्ती होगी। निजी क्षेत्रों को बढ़ावा देने और भागीदारी बढ़ाने की कोशिश की जाएगी। सफाई, सुरक्षा और सुविधाओं पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। यात्रियों की सुरक्षा हमारे लिए अहम है। 7 हजार स्टेशन सौर ऊर्जा से जुड़ेंगे। दिव्यांगों के लिए स्टेशनों पर लिफ्ट और एस्केलेटर लगाए जाएंगे।
2020 तक ब्रॉडगेज लाइन पर मानव रहित क्रॉसिंग खत्म की जाएंगी।
धार्मिक यात्राओं के लिए अलग से सर्किट बनाए जाएंगे। पर्यटन के लिए विशेष ट्रेन चलाने का प्रावधान। 2019 तक सभी ट्रेन्स में बायो टायलेट्स लगेंगे। रेलवे चार प्रमुख क्षेत्रों अर्थात यात्री सुरक्षा, पूंजीगत एवं विकास कार्यों, स्वच्छता और वित्त एवं लेखांकन संबंधी सुधारों पर अपना ध्यान केन्द्रित करेगी। अगले वित्त वर्ष में 3,500 किमी रेल लाइन कमिशन की जाएंगी। सुरक्षा के लिए अगले पांच सालों के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का अलग से फंड ह्यराष्ट्रीय रेल संरक्षा कोषह्ण बनाया जाएगा। मेट्रो रेल का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि हाडर्वेयर एवं सॉफ्टवेयर के मानकीकरण और स्वदेशीकरण पर फोकस करते हुए एक नई मेट्रो रेल नीति की घोषणा की जाएगी।