आय की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये

नई दिल्ली। अब 5 लाख रुपये सलाना आय पर देना होगा सिर्फ 5 फीसदी का टैक्स। वहीं वित्त मंत्री ने टैक्स छूट के लिए न्यूनतम आय की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया है। इससे अब 3 लाख रुपये की वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा।
बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि लाभ की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए लाभाथिर्यों के इस समूह को उपलब्ध छूट के मौजूदा लाभ को घटाकर 2500 रुपये किया जा रहा है, जो 3.5 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले करदाताओं के लिए ही उपलब्ध है। इन दोनों उपायों का संयुक्त प्रभाव यह होगा कि प्रति वर्ष 3 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों के लिए कर देनदारी शून्य होगी और 3 लाख रुपये से लेकर 3.5 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों के लिए कर देनदारी मात्र 2500 रुपये होगी।
चूंकि 5 लाख रुपये तक की आय वाले करदाताओं की कर देनदारी घटाकर आधी की जा रही है, लिहाजा बाद के स्लैबों में आने वाले करदाताओं की सभी अन्य श्रेणियों को भी प्रति व्यक्ति 12,500 रुपये का एक समान लाभ मिलेगा। इस उपाय के फलस्वरूप सरकार पर कुल कर राशि में 15,500 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा।
देश में ये है टैक्स का आलम
सिर्फ 24 लाख लोग साल भर में 10 लाख रुपये से अधिक आय की की घोषणा करते हैं।
99 लाख लोगों ने अपनी वार्षिक आय को 2.5 लाख रुपये से कम घोषित किया है।
वहीं बीते साल बिजनेस और टूरिज्म के लिए 2 करोड़ लोगों ने विदेश यात्रा की।
देश में टैक्स चोरी आम धारणा है जिसका बोझ इमानदार टैक्सपेयर पर पड़ता है।
1.72 लाख करोड़ लोगों ने अपनी वार्षित आय 50 लाख रुपये से अधिक घोषित की है।
बजट की मौजूदा दर
60 साल से कम पुरुषों के लिए इनकम टैक्स का दायरा
मौजूदा कानून के मुताबिक 60 साल से कम आयु के पुरुष जिनकी वार्षिक आय 2,50,000 लाख रुपये से कम हैं उन्हें नहीं देना होता है। वहीं वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से 5.0 लाख रुपये के बीच होने की स्थिति में 10 फीसदी इनकम टैक्स 2.5 लाख रुपये से अतिरिक्त आय पर लगेगा। वार्षित इनकम 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये के बीच रहने पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय पर 30 फीसदी इनकम टैक्स लगेगा।
60 साल से कम महिलाओं के लिए इनकम टैक्स
इस श्रेणी ने 2.5 लाख रुपये से कम आय वाली महिलाओं को इनकम टैक्स से पूरी तरह छूट है। वहीं आय 2.50 लाख रुपये से अधिक और 5 लाख रुपये से कम रहने की स्थिति में 10 फीसदी टैक्स लगेगा। बाकी दोनों वार्षिक आय कैटेगरी में भी महिलाओं पर पुरुषों के समान क्रमश: फीसदी और 30 फीसदी टैक्स लगेगा।
सीनियर सिटिजन के लिए प्रावधान(60 साल से अधिक उम्र)
मौजूदा कानून के मुताबिक इनकम टैक्स कानून सीनियर सिटिजन को टैक्स छूट के लिए न्यूनतम आय में 50,000 रुपये अतिरिक्त की छूट देता है। लिहाजा, सीनियर सिटीजन की 3 लाख रुपये की वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है। वहीं बाकी इनकम स्लैब में सीनियर सिटिजन को भी आम नागरिक के बराबर टैक्स देना होता है।
सुपर सीनियर सिटिजन (80 साल से अधिक नागरिक)
मौजूदा नियम के मुताबिक सुपर सीनियर की 5 लाख रुपये की वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वहीं 5 लाख और 10 लाख रुपये की आय वाले स्लैब में उन्हें भी सामान्य नागरिक की तरह 20 और 30 फीसदी की दर से टैक्स देना होता है।