50,000 से अधिक नकद निकासी पर बीसीटीटी लगाने की सिफारिश
नई दिल्ली। देश में डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए बनी समिति ने बैंकों से 50,000 रुपए और इससे अधिक नकद निकासी पर बैंकिंग कैश ट्रांजेक्शन टैक्स (बीसीटीटी) लगाने की सिफारिश की है। आयकर के दायरे में आने वालों और छोटे दुकानदारों को स्माटर्फोन खरीदने पर 1,000 रुपए सब्सिडी देने का सुझाव दिया है।
साथ ही प्वाइंट आॅफ सेल (पीओएस) मशीन से भुगतान पर लगने वाले मर्चेंट डिसकाउंट रेट (एमडीआर) को कम करने या पूरी तरह से समाप्त करने को कहा है। नीति आयोग में आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में बनी इस उपसमिति ने मंगलवार को प्रधानमंत्री को अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंपी। इसमें यह सिफारिशें की गई हैं। नायडू ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रिपोर्ट सौंपने के बाद यह जानकारी दी।
1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में भी केंद्र सरकार की ओर से डिजिटल पेमेंट्स पर तमाम तरह की छूटों की घोषणा हो सकती है। इस बार केंद्र सरकार एक महीने पहले बजट पेश करने की तैयारी में है। सरकार का तर्क है कि पहले बजट पेश करने से वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ ही तमाम योजनाओं का काम शुरू किया जा सकेगा।
नायडू ने बताया कि एमडीआर खत्म करने के लिए समिति की रिपोर्ट रिजर्व बैंक को भी सौंपी जाएगी, क्योंकि यह काम केंद्रीय बैंक को ही करना है। वर्ष 2005 में यूपीए सरकार ने 25,000 रुपए से अधिक की नकद निकासी पर राजस्व प्राप्त करने के उद्देश्य से टैक्स लगाना चाहती थी, लेकिन उस समय डिजिटल लेनदेन के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं था। अभी भारत दुनिया में एकमात्र ऐसा देश है जिसके पास ह्यआधारह्ण नंबर आधारित बायोमेट्रिक पहचान की सुविधा है और इसके जरिये होने वाला लेनदेन सबसे सुरक्षित है। इसके बावजूद समिति ने डिजिटल लेनदेन को और सुरक्षित करने के लिए हर लेनदेन पर बीमा मुहैया कराने की सिफारिश भी की है।