पिता मुलायम से मिलने उनके घर पहुंचे अखिलेश, कहा उनसे मेरे कोई मतभेद नहीं

लखनऊ। चुनाव आयोग द्वारा अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी और उसका चुनाव चिन्ह दिए जाने के बाद अब अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ जल्द गठबंधन का ऐलान कर सकते हैं। कांग्रेस ने भी इस गठबंधन को लेकर सकारात्मक सोच दिखाई है। इन खबरों के बीच अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम से मिलने उनके घर पहुंचे हैं।
यूपी में कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित ने गठबंधन को लेकर कहा कि अगर सपा से हाथ मिलाते हैं तो मैं मुख्यमंत्री उम्मीदवार से नाम वापस लेने को तैयार हूं। एक राज्य में दो सीएम उम्मीदवार नहीं हो सकते।
वहीं गुलाम नबी आजाद ने भी गठबंधन को लेकर कहा कि यूपी चुनाव में कांग्रेस और सपा का गठबंधन होगा, इसे लेकर घोषणा आने वाले दिनों में कर दी जाएगी। इससे पहले मंगलवार को अपने घर पर पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद अखिलेश ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जल्द ही गठबंधन की लिस्ट जारी की जाएगी थोड़ा इंतजार करें।
पिता से रिश्तों पर बोले कि उनसे मेरे रिश्ते कभी खत्म नहीं हो सकते, मेरे उनके साथ कोई मतभेद नहीं थे, यहां तक की हम दोनों की लिस्ट में 90 प्रतिशत उम्मीदवार एक समान हैं। अब हम पर बड़ी जिम्मेदारी है और हमारा पूरा ध्यान दोबारा सरकार बनाने पर है। वहीं कांग्रेस नेता मीम अफजल ने कहा है कि अगर यूपी की जनता के फायदे के लिए हमें सपा से गठबंधन करना है तो हम इससे पीछे नहीं हटेंगे। इससे पहले रामगोपाल यादव ने भी कहा था कि यह गठबंधन संभव है लेकिन फैसला अखिलेश ही लेंगे।
मीम अफजल ने कहा, ‘हम यूपी की 403 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं, अगर यूपी की जनता के फायदे के लिए कुछ भी सामने आता है तो हम पीछे हटने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पूरी समाजवादी पार्टी बहुमत के साथ अखिलेश की तरफ है।’ अफजल बोले, सपा के झगड़े पर निर्णय आ चुका है और पूरी पार्टी अखिलेश को मिल गई है। सभी उनके साथ बहुमत में हैं। मुलायम के साथ भविष्य में उनके रिश्ते कैसे होंगे यह पता लगेगा।
इससे पहले सोमवार को चुनाव आयोग ने अखिलेश के पक्ष में फैसला सुनाते हुए पार्टी और साइकिल दोनों दे दिए। इसके बाद अखिलेश खेमे में जश्न है वहीं सारी निगाहें अब मुलायम पर टिकी हैं। फिलहाल यह साफ नहीं है कि मुलायम अब क्या कदम उठाएंगे। बेटे अखिलेश को आशीर्वाद देकर पार्टी के मार्गदर्शक बने रहेंगे या फिर नई पार्टी बनाकर मैदान में उतरेंगे।
आयोग के फैसले के बाद अखिलेश पिता मुलायम सिंह से मिलने पहुंचे। यहां काफी देर तक चली मुलाकात में चाचा शिवपाल भी शामिल थे लेकिन वो बैठक बीच में छोड़कर चले गए। अखिलेश ने इस मुलाकात की तस्वीर भी ट्विटर पर साझा की है जिसमें मुलायम सिंह के पीछे साइकिल की तस्वीर टंगी है। उन्होंने एक बयान में कहा है कि साइकिल चलती जाएगी, आगे बढ़ती जाएगी। इससे लगता है कि पिता ने बेटे को आशीर्वाद दिया है क्योंकि उनके पास अब ज्यादा विकल्प बचे भी नहीं हैं।
पिछले कुछ दिनों से लगातार आ रही खबरों के बाद अब संभव है कि अखिलेश जल्द कांग्रेस के साथ गठबंधन का ऐलान कर सकते हैं। अगर मुलायम साथ रहे तो अखिलेश को इस गठबंधन से बड़े फायदे की उम्मीद जताई जा रही है। पिछले दिनों आए न्यूज चैनल्स के पोल की माने तो इस गठबंधन को चुनाव में 133 से 143 सीटें मिल सकती हैं। मुलायम अगर अखिलेश के साथ रहे तो फायदा उन्हें भी होगा नहीं तो बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है।
मुलायम के पास विकल्प कम हैं। हालांकि उन्होंने आयोग के फैसले से पहले साफ कहा था कि अगर उन्हें साइकिल नहीं मिली तो वो अलग चिन्ह के साथ चुनाव मैदान में उतरेंगे। उन्होंने कहा था कि बेटा उनकी नहीं सुन रहा है। पिछले कुछ दिनों के हालात पर नजर डालें तो उनके बयानों में काफी अंतर नजर आया है।
एक तरफ जहां वो कह रहे थे कि अखिलेश उनका बेटा है और वो कुछ नहीं कर सकते वहीं अलग चुनाव लड़ने का बयान विरोधाभासी था। फैसला मुलायम पर है कि वो क्या कदम उठाते हैं। अगर उन्होंने बेटे के पाले में बैठने का निर्णय लिया तो शिवपाल यादव और अमर सिंह के लिए मुश्किलें काफी बढ़ सकती हैं क्योंकि अब तक जहां अमर सिंह को पार्टी का विलेन बताया जा रहा था वहीं शिवपाल से भी अखिलेश की नहीं बन रही थी।