बीएसएफ के जवान का शिकायती वीडियो वायरल, उसे एलओसी से शिफ्ट करने की तैयारी
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में तैनात बीएसएफ के जवान का शिकायती वीडियो वायरल होने के बाद अब उसे एलओसी से शिफ्ट करने की तैयारी है। बीएसएफ के अफसरों का कहना है कि तेज बहादुर यादव पहले भी कई बार डिसिप्लिन तोड़ चुका है। उसे चार बार सजा भी दी जा चुकी है। उधर, राजनाथ सिंह ने जांच रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि तेज बहादुर ने फेसबुक पर 4 वीडियो पोस्ट किए थे। आरोप लगाया कि बॉर्डर पर जवानों को ठीक से खाना तक नहीं दिया जाता। अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए। सोशल साइट्स पर यह वीडियो 60 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है।
बीएसएफ आईजी डीके उपाध्याय ने न्यूज एजेंसी से कहा, हैरानी की बात ये है कि डीआईजी मौके पर गए थे। उन्होंने तेज बहादुर समेत सभी जवानों से बातचीत की, लेकिन वहां किसी ने कोई शिकायत नहीं की। हो सकता है उसके इरादे कुछ और हों। तेज बहादुर को दूसरे हेडक्वॉर्टर शिफ्ट किया जाएगा, ताकि जांच के दौरान उस पर कोई दबाव नहीं डाला जा सके। डीआईजी लेवल के अफसरों ने पहले भी कैम्प का दौरा किया था, लेकिन वीडियो में जो शिकायतें की गईं, वो तब किसी ने वहां नहीं बताईं। वीडियो में दिख रहे जवान तेज बहादुर के खिलाफ डिसिप्लिन तोड़ने के आरोप लग चुके हैं। 2010 में उसका कोर्ट मार्शल किया गया था, लेकिन फैमिली को देखते हुए उसे बर्खास्त नहीं किया गया था।
जवान के आरोपों की जांच की जा रही है। अगर कुछ गलत पाया गया तो सख्त कारर्वाई होगी। इस बात से सहमत हूं कि सदिर्यों में पैक्ड फूड का टेस्ट कुछ बदल जाता है, लेकिन जवान इसकी शिकायत नहीं करते। ये सेंसिटिव इश्यू है। जांच के बाद एक्शन होगा। बीएसएफ के डीआईजी एमडीएस मान ने मंगलवार को कहा- तेज बहादुर पर पहले भी गंभीर आरोप लग चुके हैं। 20 साल के करियर में उस पर इनटॉक्सिफिकेशन, अपने सीनियर की बात न मानना और मारपीट करने जैसे आरोप हैं।
ये वीडियो सामने आने के बाद, गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजु ने कहा- वीडियो को गंभीरता से लिया गया है। मैं जब भी जवानों के बीच बॉर्डर पर गया, मुझे हर चीज काफी संतोषजनक लगी है।
– उधर, तेज बहादुर ने मंगलवार को मीडिया से कहा – मेरे आरोपों की भी जांच होनी चाहिए। अगर मेरी इस कोशिश से साथियों का भला होता है तो मैं हर बुरी चीज का सामना करने के लिए तैयार हूं।
पहला वीडियो- सभी देशवासियों को नमस्कार, गुड मॉर्निंग, सलाम और जय हिंद। देशवासियों, मैं आपसे एक अनुरोध करना चाहता हूं। मैं बीएसएफ 29 बटालियन सीमा सुरक्षा बल का जवान हूं। हम लोग सुबह 6 बजे से शाम को पांच बजे तक कंटीन्यू इस बर्फ के अंदर 11 घंटे तक खड़े होकर ड्यूटी करते हैं। कितनी भी बर्फ हो, बारिश हो या तूफान हो, हम इन्हीं हालात में ड्यूटी करते हैं। मेरे पीछे का दृश्य शायद आप लोग देख रहे होंगे। फोटो में शायद आपको ये दृश्य अच्छे लग रहे होंगे। लेकिन हमारी जो सिचुएशन है, उसे न कोई मीडिया दिखाता है, न कोई मिनिस्टर सुनता है। कोई भी सरकार आई हो, हमारे हालात वैसे ही बदतर हैं। मैं इसके बाद आपको तीन वीडियो भेजूंगा, जो आप देश के तमाम मीडिया और नेताओं को दिखाएं।
जवान आगे कहता है, हमारे अधिकारी हमारे साथ कितना अन्याय और अत्याचार करते हैं। हम किसी सरकार को कोई दोष नहीं देना चाहते, क्योंकि सरकार हर चीज, हर सामान हमें देती है, लेकिन उच्च अधिकारी सब बेच करके खा जाते हैं और हमें कुछ नहीं मिलता। ऐसे हालात हैं कि कई बार तो जवान को भूखे पेट भी सोना पड़ता है। मैं सुबह का नाश्ता आपको दिखाऊंगा। एक पराठा मिलता है। इसमें कुछ भी नहीं है। ना अचार है, ना सब्जी है। चाय के साथ पराठा खाना पड़ता है।
दोपहर का खाना मैं आपको दिखाऊंगा। दाल में सिर्फ नमक और हल्दी होती है। उसके सिवाय कुछ नहीं होगा। रोटियों भी दिखाऊंगा। मैं फिर कह रहा हूं कि भारत सरकार सब कुछ देती है, उसकी तरफ से सब कुछ आता है। स्टोर भरे पड़े हैं, लेकिन वो सब कुछ बाजार में चला जाता है। ये कहां जाता है? कौन बिक्री करता है? इसकी जांच होनी चाहिए।
ये जवान आगे कहता है, मैं आदरणीय प्रधानमंत्री जी से भी कहना चाहता हूं कि कृपा कर इसकी जांच कराएं। दोस्तो, ये वीडियो डालने के बाद शायद मैं रहूं या ना रहूं, क्योंकि अधिकारियों के बहुत बड़े हाथ हैं। वो मेरे साथ कुछ भी कर सकते हैं। कुछ भी हो सकता है, आप सोचो। इसलिए इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा फैलाएं और पूरा शेयर करें। मीडिया यहां आकर जांच करे और देखे कि किन हालात में जवान ड्यूटी करते हैं।
मैं बाकी वीडियो आपके सामने पेश करूंगा। पूरी डिटेल आपको दिखाऊंगा। जय हिंद।
दूसरा और तीसरा वीडियो : यह है बीएसएफ की दाल। सिर्फ हल्दी और नमक। न इसमें प्याज है, न लहसुन, न अदरक। तड़का लगाने के लिए जीरा तक नहीं है। जवानों को 10 दिन से यही दाल-रोटी मिल रही। आप ही बताइये, यह खाकर क्या कोई जवान 10 घंटे ड्यूटी कर सकता है? अधिकारी सारा सामान बाजार में बेच देते हैं।
चौथा वीडियो: सुबह के नाश्ते में एक जला हुआ पराठा और चाय का गिलास ही मिला है। इसके साथ न जैम, न जेली और न अचार या दही। कुछ भी नहीं मिलता।
सोमवार की रात बीएसएफ ने बयान जारी कर कहा कि तेज बहादुर को शुरू से काउंसिलिंग की जरूरत रही है। शराबखोरी, अफसरों से खराब व्यवहार और अनुशासन तोड़ना उसकी आदत है। इस कारण ज्यादातर वक्त उसे हेडक्वार्टर में रखा गया। 10 दिन पहले ही पोस्ट पर भेजा गया था, यह देखने के लिए कि काउंसिलिंग से क्या सुधार आया, डीआईजी और सीओ उनके पास जाते रहे हैं। 20 और जवान वहां हैं। पर किसी और को शिकायत नहीं है।