350वें प्रकाशोत्सव में मोदी ने कहा- गुरु गोविंद सिंह त्याग की मूर्ति थे

पटना। 350वें प्रकाशोत्सव में शिरकत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को यहां पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह त्याग की प्रतिमूर्ति थे। अपने सामने पिता का अंतिम संस्कार देखा और पुत्रों का भी बलिदान किया। इससे पहले नीतीश कुमार ने गुजरात में शराबबंदी को लेकर नरेंद्र मोदी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मोदी जब गुजरात के सीएम थे तब उन्होंने यह फैसला लिया था।
मोदी ने कहा ‘गुरु साहब ने कहा गुरुग्रंथ साहिब के शबद को ध्यान रखते हुए उसका हर पन्ना हमें प्रेरणा देता रहेगा। आदि शंकराचार्य ने चारों कोनों ने भी हिंदुस्तान की अनेकता को एक करने का प्रयास किया था। गुरु गोविंद सिंह ने भी ऐसा ही प्रयास किया था। ये हमारी अद्भुत विरासत है।’ गुरु गोविंद सिंह ने सिर कटवाने के लिए निमंत्रण दिया था। सिर देने के लिए अलग-अलग समाज के लोग आए। गुजरात के एक दर्जी परंपरा का शख्स सामने आया। गुरु साहब ने उसे गले लगाया। गुरु साहब ने कहा कि जो पंच प्यारे हैं, मेरे लिए भी त्याग कब-कैसे करना है, मैं भी इसका पालन करूंगा। इससे बड़े त्याग कोई नहीं कर सकता। जो व्यवस्था उन्होंने शुरू की, खुद भी उसका पालन किया। पीएम ने कहा, “आज हम पटना साहिब की इस पवित्र धरती पर गुरु गोविंद सिंह का प्रकाश पर्व मनाने एकत्र हुए हैं। जहां-जहां सिख समुदाय रहता है, सरकार ने योजना बनाई है कि देश-दुनिया में लोगों को पता लगे कि 350 साल पहले एक ऐसी दिव्यात्मा का जन्म हुआ। इसका विश्व का भी परिचय हो। इसका भारत ने भरपूर प्रयास किया है।
मैं नीतीश सरकार, उनके साथियों और बिहार के लोगों को बधाई देता हूं कि यहां के लिए प्रकाश पर्व खास अहमियत रखता है। नीतीशजी ने जिस मेहनत के साथ स्वयं गांधी मैदान आकर हर चीज की बारीकी से भव्य समारोह की योजना की है। ये प्रकाश पर्व हमें भी मानवता के लिए, किस रास्ते पर चलना है, हमारे मूल्य क्या है, इस ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का अवसर है। गुरु गोविंद सिंह त्याग की प्रतिमूर्ति थे। अपने सामने पिता का अंतिम संस्कार देखा और पुत्रों का भी बलिदान किया।
350वें प्रकाशोत्सव में नीतीश कुमार ने गुजरात में शराबबंदी को लेकर नरेंद्र मोदी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मोदी जब गुजरात के सीएम थे तब उन्होंने यह फैसला लिया था। मेरा मानना है- जब हमारा देश शराब से मुक्त हो जाएगा तो और तेजी से तरक्की करेगा। इस मौके पर उन्होंने पटना साहिब में गुरू के बाग के पास एक नया पार्क बनाने का एलान किया। इसके अलावा नीतीश ने बताया कि राज्यसरकार सिख धर्म से जुड़े स्थलों को डेवलप करेगी और उन्हें जोड़कर एक सिख सर्किट बनाएगी।
क्या है प्रकाश पर्व?
गुरु गोविंद सिंह का जन्म 22 दिसंबर, 1666 को पटना में हुआ था। इस दिन को आगमन दिवस के रूप में मनाया जाता है। नानकशाही कैलेंडर में गोविंद सिंह के जन्मदिन को 5 जनवरी कर दिया गया। इस दिन को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है।
क्या खास है इस आयोजन में?
200 करोड़ रुपए से ज्यादा आयोजन पर खर्च होगा। .5 लाख लोगों के लिए 35 जगहों पर मुफ्त ठहरने का अरेंजमेंट किया गया है। 62 ट्रेनों का अरेंजमेंट किया गया है। 400 बसों, आठ स्पेशल ट्रेनों और 150 बड़े-छोटे ट्रकों से तीन लाख श्रद्धालु देशभर से पटना पहुंचे हैं। 100 करोड़ रु. खर्च कर तख्तश्री हर मदिंर के विशेष दीवान में सोने की नक्काशी की गई है। 227 बसें चलाई जा रही हैं।