जर्मनी ने लगाई Nord Stream 2 पर रोक, रूस के लिए अहम मानी जाती है गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट
जर्मनी की तरफ रूस से गैस पाइपलाइन नॉर्ड स्ट्रीम-2 के प्रमाणिकरण के लिए आवश्यक प्रमुख दस्तावेज को वापस लेने का आदेश दिया गया है। यूरोप और पूरे रूस के लिए नॉर्डस्ट्रीम 2 पाइपलाइन कितनी अहमियत रखता है इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि परियोजना के माध्यम से रूस जर्मनी को अपनी तेल-गैस की सप्लाई दोगुनी करने वाला था।
रूस यूक्रेन तनाव के बीच जर्मनी ने एक अहम ऐलान किया है। जर्मनी ने नॉर्डस्ट्रीम टू प्रोजक्ट को कैंसिल कर दिया है। जर्मनी ने रूसी गैस पाइपलाइन प्रोजक्ट को रद्द करने का ऐलान किया है। जर्मन चांसलर की तरफ से प्रोजोक्ट को रद्द करने का ऐलान किया गया है। जर्मनी की तरफ रूस से गैस पाइपलाइन नॉर्ड स्ट्रीम-2 के प्रमाणिकरण के लिए आवश्यक प्रमुख दस्तावेज को वापस लेने का आदेश दिया गया है। यूरोप और पूरे रूस के लिए नॉर्डस्ट्रीम 2 पाइपलाइन कितनी अहमियत रखता है इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इस परियोजना के माध्यम से रूस जर्मनी को अपनी तेल-गैस की सप्लाई दोगुनी करने वाला था। इससे पुतिन सरकार की आर्थिक स्थिति बेहतर होने की संभावना जताई जा रही थी।
नॉर्ड स्ट्रीम 2 बाल्टिक सागर से गुजरते हुए रूस के पश्चिमी हिस्से से उत्तरपूर्वी जर्मनी तक जाने वाली दूसरी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन है। साल 2011 में चालू हुई पूर्ववर्ती नॉर्डस्ट्रीम 1 के साथ ही नई गैस पाइपलाइन में हर साल 55 अरब घन मीटर गैस ले जाने की क्षमता है। नॉर्डस्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन बनाने में साढ़े नौ अरब यूरो का खर्च आया है। 1230 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन दुनिया की सबसे बड़ी समुद्री पाइपलाइन है। साल 2018 में इस पाइपलाइन का निर्माण प्रारंभ हुआ और सितंबर 2021 में पूरा हुआ। नॉर्डस्ट्रीम 2 से गैस भेजने का काम अभी शुरू नहीं हुआ है क्योंकि उसका परिचालन लाइसेंस अटक गया है।
रूस के लिए यह पाइपलाइन इसलिए अहम है कि इससे यूक्रेन गए बिना गैस सीधे यूरोप जा सकती है। इससे यूक्रेन को दिए जाने वाले ट्रांजिट शुल्क की बचत होगी। पाइपलाइन पर रोक लगाने के फ़ैसले के समर्थकों का कहना है कि इससे रूस को झटका लगेगा। इससे रूस की आय पर तो असर होगा ही उसे यूरोप को रूस की ऊर्जा पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा।
रूस और यूक्रेन के बीच तनाव चरम पर पहुंच चुका है। महायुद्ध का खतरा अभी बना हुआ है। यूक्रेन और रूस के बीच जारी बारूदी तनाव किस अंजाम तक पहुंचेगा इसका अंदाजा अभी किसी को नहीं है। लेकिन महायुद्ध को रोकने के लिए कवायद जारी है। एक तरफ मैदानें जंग से आने वाली खबरों से यूरोप का आसमान थर्रा रहा है। लश्कर, तोपें, टैंक, फाइटर प्लेन और वॉरशिप एक्टिव हैं। वहीं यूरोप की धरती को युद्ध की तबाही से बचाने के लिए कोशिशें भी चल रही हैं। युद्ध को रोकने के लिए उपाय तलाशे जा रहे हैं। यूक्रेन पर आज दस देशों के रक्षा मंत्रियों का बड़ा मंथन होना है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्री इस मीटिंग को होस्ट करेंगे।