वाराणसी : पंचक्रोशी यात्रा के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ का नाम इतिहास में दर्ज

वाराणसी. देश की धार्मिक नगरी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को पहुंचे थे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ ऐसा किया जो इतिहास में दर्ज हो गया। उनसे पहले आज तक इस धर्म नगरी में यूपी के किसी भी मुख्यमंत्री ऐसा नहीं कर पाया था।
शनिवार शाम पंचक्रोशी यात्रा के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ का नाम इतिहास में दर्ज हो गया है। कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव व मायावती ने कभी काशी में पंचक्रोशी यात्रा नहीं की थी। अधिक मास में इस तरह काशी की गलियों में पूर्व सीएम भी कभी नहीं घूमे थे लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने पंचक्रोशी यात्रा करके इतिहास दर्ज कर दिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ तीर्थ पथ पर नंगे पांव ही निकले। पांच घंटे की पूरी परिक्रमा योगी आदित्यनाथ ने मौनव्रत के साथ पूरी की। इस बीच दर्शन पूजन के हर परंपरा को खुद ही निभाते रहे। संकल्प धारण करते समय उन्होंने मंत्रों का उच्चारण किया।
शिव की नगरी में परिक्रमा शुरू करने से पहले बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद लिया तो तीर्थ पुरोहितों को दक्षिणा देना भी नहीं भूले। तीर्थ पथ पर पड़ाव से पहले मुख्यमंत्री गाड़ी से उतरकर पैदल ही मंदिर की ओर श्रद्धाभाव बढ़ते और पूजन के बाद भी काफी दूर तक चलकर गए। इस बीच वहां मौजूद श्रद्धालुओं के अभिवादन को स्वीकार कर रहे थे, मगर उनके चेहरे का शांत भाव उनकी श्रद्धा को जाहिर कर रहा था। अपने परपंरागत गेरुए वस्त्र में मणिकर्णिका के चक्रपुष्पकर्णी ताल पर श्री काशी विशेश्वर देवता: प्रसन्नार्थ पंचक्रोशी यात्रा अहं करिष्ये मंत्र के साथ संकल्प धारण करने के बाद मुख्यमंत्री बाबा विश्वनाथ दरबार पहुंचे। ज्ञानवापी कूप के जल से आचमन करने के बाद षोडषोपचार विधि से पूजन किया। इस यात्रा में गंगा को साक्षी मानने के लिए सीएम बजड़े से अस्सी घाट तक गए। काशी की धरा पर बाबा विश्वनाथ और गंगा दर्शन के बाद मुख्यमंत्री पंचक्रोशी तीर्थ मार्ग पर निकले।
तीर्थ परिक्रमा करने निकले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संकल्प और पूजन के बाद तीर्थ पुरोहितों का अभिवादन और दक्षिणा देना नहीं भूले। मणिकर्णिका घाट पर संकल्प के बाद तीथ पुरोहित मनीष नंदन मिश्र को अपने हाथ से दक्षिणा दिया। ऐसे ही हर पड़ाव पर दर्शन पूजन के बाद पुरोहितों को दक्षिणा दिया। परिक्रमा के दौरान पड़ाव से पहले गाड़ी से उतरने के साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ हाथ जोड़कर आगे बढ़ रहे थे। मंदिर के अंदर भी भगवान की प्रतिमा के सामने आंखे बंद कर शांत भाव से प्रार्थना किया। इस दौरान उनके साथ मौजूद जनप्रतिनिधि और अधिकारी इशारे से लोगों को शांत रहने का इशारा करते रहे।
परिक्रमा शुरू करने से पहले सीएम को नंगे पाव देख उनके साथ चल रहे जनप्रतिनिधि भी उसी भाव में हो गए। 50 से ज्यादा गाड़ियों का काफिले में बैठे ज्यादातर लोग नंगे पाव ही परिक्रमा में थे और उन्हीं की तरह शास्त्र विधि का पालन करते रहे।
सीएम ने जब बजड़े पर यात्रा शुरू की तो बजड़े पर चढ़ने के दौरान भी लोगों के बीच धक्कामुक्की हुई। सुरक्षा में लगे जवानों ने सीएम के बजड़े पर जाने के बाद किसी और को चढ़ने ही नहीं दिया। विधायक समेत कई लोगों ने जब विरोध किया तो सीएम ने बजड़े से हाथ हिलाकर जवानों को रोका। हालत यह हो गई कि डीएम और एसएसपी तक बजड़े पर नहीं चढ़ सके।
पंचक्रोशी योत्रा के दौरान सीएम योगी की एक झलक पाने के लिए सड़क किनारे लोगों की भारी भीड़ लगी रही। काशीपुर चौराहा,मातल देवी चौराहा के साथ ही भीम चंडी पड़ाव पर आसपास के स्थानीय लोग योगी जी को एक नजर देखने के लिए अपने घर में मंदिरों के आसपास खड़े रहे।