लालू प्रसाद बेटे की शादी में होंगे शामिल, मिली पैरोल
रांची। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को अपने बेटे तेज प्रताप की शादी में शामिल होने के लिए तीन दिन का पेरोल मिल गया है। यात्रा की अवधि छोड़ कर लालू को तीन दिन का पैरोल मिला है। जेल आईजी का पत्र रांची पुलिस लाइन को मिल चुका है। जेल आइजी हर्ष मंगला के मुताबिक, लालू को तीन दिनों का पेरोल मिला है। उसे वे 10 से 12 या 11 से 13 मई के बीच ले सकते हैं। फिलहाल, लालू को रिम्स से जेल ले जाने कि तैयारी है।
लालू यादव को रिम्स से जेल ले जाने की तैयारी रांची पुलिस ने पूरी कर ली है। कड़ी सुरक्षा में उन्हें रिम्स से जेल भेजा जा रहा है। जेल के बाद से लालू यादव को कैसे पटना ले जाना है, इसका जिम्मा भोला यादव के हवाले होगा। संभवत: लालू यादव को फ्लाइट से पटना भेजा जाएगा। जेल आइजी ने भी मंजूरी दे दी है। लालू यादव के साथ रांची पुलिस लाइन से सिर्फ दो सब इंस्पेक्टर रैंक के पदाधिकारी जाएंगे। सार्जेंट मेजर सह सीसीआर डीएसपी टीके झा ने इसकी पुष्टि की है।
इस बीच, भोला यादव ने कहा कि जेल प्रबंधन लालू प्रसाद को जेल से छोड़ना चाहता है, जबकि उनका कहना है कि लालू की तबीयत खराब है तो जेल कैसे जाएंगे? लालू प्रसाद को बुधवार शाम फ्लाइट से पटना जाना तय था। रांची से पटना के लिए इंडिगो एयरलाइंस से टिकट भी बुक हो गया, लेकिन फ्लाइट छूटने से एक घंटा पहले उन्होंने अपना टिकट रद करवा दिया। लालू की रवानगी मामले में रांची पुलिस ने भोला यादव से पूछा है कि वो कब ले जाना चाहते हैं। भोला यादव का कहना है सिस्टम की वजह से काफी परेशान हुआ हूं।
लालू कब और कैसे जाएंगे, यह अभी तय नहीं है। अगर सभी कानूनी अड़चनें दूर कर दी गईं तो आज शाम तक लालू प्रसाद बेटे तेज प्रताप की शादी में शामिल होने के लिए पटना रवाना हो सकते हैं। लेकिन बरात में जाने से पहले उन्हें कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करने के लिए रिम्स से जेल जाना पड़ेगा।
लालू प्रसाद कोर्ट को सूचना दिए बगैर बेटे की बरात में शामिल होने के लिए पटना जाने की तैयारी में थे। डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के केस में लालू प्रसाद के खिलाफ सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में सुनवाई चल रही है। वह न्यायिक हिरासत(जेल) में हैं और फैसला आना अभी बाकी है। कानून के विशेषज्ञों की मानें तो ऐसी स्थिति में लालू को या जेल प्रशासन को कोर्ट को सूचना देनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
ऐसे में लालू प्रसाद पटना जाते तो जेल प्रशासन को कोर्ट में जवाब देना पड़ता। अब वह कोर्ट को जानकारी देने के बाद ही पटना रवाना हो पाएंगे। पेरोल की कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ेगा। रिम्स में उनका इलाज भी न्यायिक हिरासत में रहते हुए ही चल रहा है। अस्पताल में होने की वजह से उन्हें अदालत में वीडियो कांफ्रेंसिंग व सशरीर पेशी से छूट मिली है। अधिवक्ता के माध्यम से उनकी हाजिरी लगती है।