मानहानि केस: मजीठिया के बाद केजरीवाल ने नितिन गडकरी और कपिल सिब्बल से मांगी माफी

नई दिल्ली. करीब एक दर्जन से ज्यादा मानहानि के मामलों का सामना कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) संयोजक ने अकाली नेता बिक्रम मजीठिया के बाद अब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस नेता कपिल सिब्पल से भी अपने बयान के लिए माफी मांग ली है। केजरीवाल ने सीनियर बीजेपी नेता गडकरी को पत्र लिखकर अपने बयान के लिए खेद जताया और केस बंद करने का आग्रह किया। दोनों नेताओं ने आपसी रजामंदी से केस को बंद करने की अर्जी कोर्ट में दे दी है।

केजरीवाल ने नितिन गडकरी के भारत के सर्वाधिक भ्रष्ट लोगों की सूची में शामिल होने की बात कही थी। जवाब में गडकरी ने उन पर मानहानि का केस दायर किया था। केजरीवाल ने माफीनामे में लिखा, ‘मेरी आपसे कोई निजी रंजिश नहीं है। पूर्व में दिए अपने बयान के लिए अफसोस जताता हूं। हम घटना को पीछे छोड़ते हुए कोर्ट में केस को बंद करने की कार्यवाही करते हैं।’

कुछ ही दिनों पहले केजरीवाल ने पंजाब के पूर्व मंत्री और अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से भी माफी मांगी थी। पंजाब विधानसभा चुनाव 2017 के चुनाव प्रचार के दौरान केजरीवाल ने मजीठिया पर ड्रग्स के धंधे में शामिल होने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने पंजाब में आप की सरकार आने पर मजीठिया को सलाखों के पीछे भेजने तक की बात कही थी। केजरीवाल के इन आरोपों पर मजीठिया ने उनके खिलाफ मानहानि का दावा ठोका था। इसके बाद केजरीवाल ने लिखित में माफी मांगी। केजरीवाल के इस कदम के बाद आम आदमी पार्टी की पंजाब ईकाई ने सख्त आपत्ति जताई थी। पंजाब के आप विधायकों ने केजरीवाल से कहा था कि वह राज्य में पार्टी के कामकाज में दखल न दें। पंजाब प्रभारी और सांसद भगवंत मान ने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उपाध्यक्ष अमन अरोड़ा ने भी इस्तीफा दे दिया था।

खबरों के मुताबिक दिल्ली सीएम ने कपिल सिब्बल और उनके बेटे अमित सिब्बल से भी अपने बयान के लिए खेद प्रकट किया है। बता दें कि केजरीवाल ने 2013 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमित सिब्बल पर ‘निजी लाभ के लिए शक्तियों के दुरुपयोग’ का आरोप लगाया था।

आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता अरुण जेटली ने भी केजरीवाल के एक बयान के लिए उन पर मानहानि का केस दायर किया हुआ है।

गौरतलब है कि केजरीवाल अपने ऊपर चल रहे सभी मानहानि के मामलों को खत्म करने के लिए केजरीवाल संबंधित नेताओं से बात कर रहे हैं। आप नेता सौरभ भारद्वाज का कहना है कि ये मामले हमारे राजनीतिक विरोधियों द्वारा हमें हतोत्साहित करने और हमारे नेतृत्व को इन कानूनी मामलों में उलझाए रखने के लिए दर्ज कराए गए हैं। ऐसे सभी मामलों को आपसी सहमति से सुलझाने का निर्णय पार्टी की लीगल टीम के सलाह पर लिया गया है। दिल्ली में दायर मामलों को फास्ट ट्रैक पर रखा गया है जिसकी वजह से विधायकों और मंत्रियों को प्रतिदिन दिल्ली और अन्य राज्यों में अदालतों में उपस्थित रहना पड़ता है। पहले से ही संसाधन की कमी झेल रही पार्टी के लिए कोर्ट केस एक बोझ है।