महाराष्ट्र जातीय हिंसा मामला : बंद के दौरान लोगों ने मचाया उत्पाद

पुणे/मुंबई. नए साल में महाराष्ट्र जातीय हिंसा की आग में झुलस गया। सोमवार को पुणे के पास भीमा-कोरेगांव लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर आयोजित कार्यक्रम में दो गुटों की हिंसा में एक शख्स की मौत हो गई थी। इसके बाद जातीय हिंसा मुंबई, पुणे, औरंगाबाद, अहमदनगर जैसे 18 शहरों तक फैल गई। बहुजन महासंघ, महाराष्ट्र डेमोक्रेटिक फ्रंट, महाराष्ट्र लेफ्ट फ्रंट समेत कई दलित संगठनों ने बुधवार को महाराष्ट्र बंद का एलान किया। बंद का असर सुबह से ही देखने को मिल रहा है। मुंबई, ठाणे और औरंगाबाद में सरकारी बसों में तोड़फोड़ और ट्रेन रोकने की खबरें सामने आईं हैं। ठाणे में एडमिनिस्ट्रेशन ने 4 जनवरी तक 144 धारा लगा दी है। यहां के ज्यादातर स्कूल और कॉलेज बंद हैं। वहीं, पुणे से बारामती और सतारा जिलों को जाने वाली बसें भी फिलहाल बंद कर दी गई हैं। महाराष्ट्र में ऐसा है बंद का असर…
ठाणे में धारा 144 लागू की गई है, जबकि औरंगाबाद में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। भागती-दौड़ती मुंबई की रफ्तार पर भी खासा असर पड़ा है। पुणे से बारामती और सतारा जिलों के लिए जाने वाली बसें अगले आदेश तक रोकी गईं हैं। पुणे का अबासाहेब गरवारे कॉलेज बंद है। ठाणे में कई स्कूल बंद। एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, बच्चों की सेफ्टी के लिहाज से यह फैसला लिया। मुंबई के वर्ली में दो बसें तोड़ी गईं। घाटकोपर, मुलुडं और नवी मुंबई में बस रोकने की कोशिश की गई। कई बसों की हवा निकाल देने की खबर है।
मुंबई के कई इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। घाटकोपर और ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर चौकसी बरती जा रही है। ठाणे रेलवे स्टेशन पर आंदोलनकारियों ने ट्रेन को रोक दिया। मुंबई में आज 40 हजार बसें सेवा में नहीं हैं। स्कूल बस ओनर्स एसोसिएशन के अफसर अनिल गर्ग ने कहा- ‘हम आज स्कूल बस नहीं चलाएंगे। हम बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई जोखिम नहीं उठा सकते। आगे हालात को देखते हुए फैसला लिया जाएगा।’
आज के बंद को देखते हुए मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने लोगों को जाम से बचने के लिए अल्टरनेटिव रूट्स से जाने की सलाह दी। खास तौर से ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर रमाबाई अम्बेडकर नगर, छेड़ा नगर और कामराज नगर से होकर नहीं जाने का सुझाव दिया गया है।
रोजाना 2 लाख लोगों तक खाने का टिफिन पहुंचाने वाले डब्बावाला असोसिएशन ने आज अपनी सर्विस बंद रखने का ऐलान किया है। मुंबई में डब्बावाला असोसिएशन के प्रमुख सुभाष तालेकर का कहना है कि परिवहन के साधन कम होने की वजह से समय पर टिफिन पहुंचाना मुश्किल होगा, ऐसे में उन्हें अपनी सेवा रोकनी पड़ी है।
राष्ट्रीय स्वयं संघ यानी आरएसएस ने कोरेगांव हिंसा की निंदा की है। डॉक्टर मनमोहन वैद्य की तरफ से जारी बयान में कहा गया- कोरेगांव, पुणे और महाराष्ट्र के दूसरे हिस्सों में हाल ही में हुई घटनाएं दुखी करने वाली हैं। संघ इनकी निंदा करता है। इस मामले में जो भी लोग दोषी हैं उन्हें कानून के मुताबिक सजा मिलनी चाहिए। कुछ लोग समाज में नफरत फैलाना चाहते हैं। संघ समाज में एकता और सद्भाव का समर्थन करता है। ये हमारी प्राथमिकता भी है।