37 के हुए युवराज, अब तक का सफर

नई दिल्ली (डेस्क)। भारत के स्टार क्रिकेट खिलाड़ी युवराज सिंह 12 दिसंबर को 37 साल के हो गए। साल 1981 में जन्मे युवराज सिंह से सिर्फ 19 साल की उम्र में साल 2000 में पहला वनडे मैच खेला था। पिछले 15 सालों से युवराज भारतीय क्रिकेट की धुरी रहे हैं। युवराज क्रिकेट, बॉल और फिल्डिंग तीनों में टीम के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ियों में गिने जाते रहे हैं।
बचपन में स्केटिंग के प्रति युवराज का ज्यादा प्यार था। रोज़ दिन में 8-10 घंटे स्केटिंग किया करते थे। हर्षा भोगले के साथ एक इंटरव्यू के दौरान युवराज सिंह ने बताया था कि जब नवजोत सिंह सिद्धू उन्हें स्केटिंग करते हुए देखते थे तो उन्हें ‘लड़कों का खेल’ खेलने की सलाह देते थे। युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह चाहते थे कि युवराज एक क्रिकेटर बनें। एक बार बचपन में युवराज सिंह जब स्केटिंग में मेडल जीतकर घर लौटे और अपने पिता को मेडल दिखाए तो योगराज मेडल को फेंकते हुए बोले थे कि वह स्केटिंग छोड़कर क्रिकेट खेलें, नहीं तो उनकी टांग तोड़ देंगे।
इस बात की कम लोगों की जानकारी होगी कि एक ओवर में छह छक्के लगाकर रिकॉर्ड बुक अपने साथ -साथ इंग्लैंड के क्रिस ब्रॉड का नाम दर्ज कराने वाले युवराज भी गेंदबाज के तौर पर एक ओवर में 6 छक्के खाते-खाते बचे थे। उनकी ‘पिटाई’ का यह मौका भी इंग्लैंड के खिलाफ वनडे में आया था। 5 सितंबर 2007 को इंग्लैंड के ओवल में खेले गए वनडे मैच में इंग्लैंड के दिमित्री मस्करेन्हास ने युवी के ओवर की पांच गेंदों पर छक्के लगाए थे। यह इंग्लैंड की पारी का 50वां ओवर ही था और 49वें ओवर की समाप्ति पर इंग्लैंड का स्कोर 286/6 से ‘छलांग’ लगाते हुए 316 रन पर पहुंच गया था।
2011 वर्ल्ड कप के बाद पता चला कि युवराज सिंह को कैंसर है। ट्रीटमेंट के लिए युवराज सिंह को अमरीका जाना पड़ा था।युवराज सिंह ने अपनी किताब में लिखा है कि जब उनका इलाज़ चल रहा था तब उन्हें कभी यह नहीं लगा था कि वह दोबारा क्रिकेट खेल पाएंगे। वह सिर्फ अपनी जान बचाना चाहते थे। उनके आदर्श सचिन तेंदुलकर और अनिल कुंबले जैसे खिलाड़ी युवराज से मिलने के लिए अस्पताल गए थे। करीब ढाई महीने तक युवराज सिंह का इलाज़ चला। युवराज ठीक होकर भारत लौटे। युवराज को टीम में वापसी के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा
इस बीमारी की वजह से करीब एक साल युवराज को क्रिकेट से दूर रहना पड़ा। जब वापस आए, तब वे उस फॉर्म में नहीं थे।आईपीएल से लेकर रणजी ट्रॉफी तक युवराज फ्लॉप हो रहे थे, लेकिन युवराज हार मानने वाले नहीं थे। एक तरफ अपनी फिटनेस बनाए रखते थे तो दूसरी तरफ फॉर्म में वापसी के लिए काफी मेहनत करते थे। टीम में आने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा।
वैसे तो युवराज ने तीनों फॉर्मेट टेस्ट, वनडे और टी-20 में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया लेकिन उन्हें शार्टर फॉर्मेट में सफलताएं ज्यादा मिली। हाल ही में मॉडल हेजल कीच के साथ विवाह बंधन में बंधे युवराज ने 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी20 मैच भारत के लिए खेले हैं। टेस्ट मैचों में उनके नाम पर 1900 रन (तीन शतक), वनडे मैचों 7में 8701 रन (14 शतक) और टी20 मैचों में 1177 रन बनाए हैं।