लोस में एक सीट भी न जीतने वाली बसपा निकाया चुनाव में साख बचाने में रही सफल
लखनऊ. उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन लोकसभा में एक सीट भी न जीतने वाली बीएसपी इस चुनाव में साख बचाने में जरूर सफल रही. पार्टी के प्रदर्शन पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि हम समाज के दलित और मुस्लिम तबके को साथ लाना चाहते थे तभी इस चुनाव में हमने पार्टी सिंबल के साथ लड़ने का फैसला किया.
नतीजों पर बोलते हुए मायावती ने कहा कि दलित समुदाय के अलावा समाज के सवर्ण और पिछड़े वर्ग ने भी बीएसपी को समर्थन दिया और यह पार्टी के लिए अच्छे संकेत हैं. साथ ही समाज के मुस्लिम तबके का समर्थन भी हमें हासिल है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की ओर से चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने की तमाम कोशिशों के बावजूद भी बीएसपी नंबर दो पर रही.
बीजेपी पर निशाना
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने ईवीएस से छेड़छाड़ की थी. उन्होंने कहा कि बीजेपी भले ही आज सत्ता में हो लेकिन हमें भरोसा है कि न सिर्फ बहुजन समाज बल्कि अन्य समुदाय की जनता भी हमारे साथ है. मायावती ने कहा कि बीएसपी ने हमेशा से सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय के नारे पर ही सत्ता चलाई है.
बैलेट पेपर से चुनाव की मांग
निकाय चुनाव में भी बीजेपी पर ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि अगर इस बार बीजेपी EVM से छेड़छाड़ नहीं करती तो हमारे और भी मेयर जीतते और सीटें भी ज्यादा मिलती. उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अगर बीजेपी ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराती है तो किसी भी हाल में सत्ता नहीं हासिल कर सकती.
भविष्य की रणनीति पर चर्चा करते हुए मायावती ने कहा कि वह देशभर में रैलियां करने जा रही हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने के लिए वह सर्व समाज के आने के लिए भी तैयार हैं.
अन्य दलों से बेहतर प्रदर्शन
यूपी निकाय चुनाव की 16 नगर निगमों में से 14 पर बीजेपी ने कब्जा किया है, जबकि 2 पर बीएसपी ने जीत दर्ज की. मेरठ और अलीगढ़ में नगर निगम सीट से बीएसपी ने बीजेपी को हराकर जीत दर्ज की है. वहीं नगर पालिका परिषद अध्यक्ष की कुल सीट 198 सीटों में से बीजेपी ने 67 तो वहीं बीएसपी ने दूसरे नंबर पर रहते हुए 27 सीटों पर जीत हासिल की है.