दयाल सिंह कॉलेज का नाम बदलने पर हरसिमरत ने दे डाली नसीहत 

नई दिल्ली. दिल्ली यूनिवर्सिटी से संबद्ध दयाल सिंह कॉलेज (सांध्य) के शासी निकाय के अध्यक्ष अमिताभ सिन्हा ने नाम बदलकर वंदे मातरम महाविद्यालय रखने का निर्णय लिया है. जिसको लेकर शिरोमणि अकाली दल नेता एवं केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कॉलेज का नाम बदलने वालों की नसीहत दे डाली. उन्होंने कहा कि दयाल सिंह कॉलेज का बदला जाए ये बिल्कुल स्वीकार योग्य नहीं है. इतना ही नहीं, कौर ने तो यह भी कहा कि जो लोग इस कॉलेज का नाम बदलना चाहते हैं, पहले वह खुद अपना नाम बदले. इस मसले में उन्होंने आगे कहा कि अगर अपने पैसों कुछ बना सकते हैं तो बनाएं और उसे जो चाहे नाम दें.

हरसिमरत कौर ने दयाल सिंह नाम पर बने कॉलेज की विरासत को लेकर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भी सरदार दीन दयाल सिंह मजीठिया के योगदान की इज्जत करता है और वहां पर भी उनके नाम पर कॉलेज बनाए गए हैं. बता दें कि पिछले कई महीनों से यह दिन में चलने वाले कॉलेज की तरह कार्य कर रहा था. दयाल सिंह कॉलेज के शासी निकाय के अध्यक्ष अमिताभ सिन्हा ने कहा कि यह फैसला भ्रांति दूर करने के लिए लिया गया. कांग्रेस पार्टी की स्टूडेंट विंग एनएसयूआई ने शासी निकाय के इस फैसले पर सवाल उठाया और शासी निकाय पर पंजाब के पहले स्वतंत्रता सेनानी सरदार दयाल सिंह मजीठिया की ‘विरासत को अपमानित’ करने का आरोप लगाया था.

गौरतलब है कि दयाल सिंह कॉलेज में दो कॉलेज थे, एक दिवाकालीन और दूसरा सांध्य. सांध्य कॉलेज के छात्रों को दोयम दर्जे का समझा जाता है. वे नौकरियों की तलाश में भी कठिनाइयों का सामना करते हैं. यही कारण है कि शासी निकाय ने इसे एक दिवाकालीन कॉलेज में बदल दिया. अमिताभ सिन्हा ने बताया था कि उन्होंने खुद ‘वंदे मातरम’ नाम का प्रस्ताव रखा था, जिसे शासी निकाय द्वारा अपनाया गया.