36 राफेल लड़ाकू विमान सौदा मामला : राुहल ने पीएम पर उठाए सवाल
नयी दिल्ली। 36 राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे को लेकर कांग्रेस द्वारा मोदी सरकार पर लगाये गये सभी आरोपों को फ्रांस ने खारिज कर दिया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार ने फ्रांस की कंपनी डसाल्ट एवियेशन के साथ राफेल लडाकू विमानों खरीदने को लेकर जो समझौता किया है उसमें अधिक पैसो का भुगतान किया गया है. आपको बता दें कि डसाल्ट एवियेशन ने भारतीय वायुसेना को 36 राफेल लड़ाकू विमान देने हैं. इधर , अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस डिफेंस लिमिटेड ने कांग्रेस को चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि वह अपने आरोप वापस ले. यदि वह ऐसा नहीं करती तो उस पर मुकदमा किया जाएगा.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मामले को लेकर मीडिया से बात करते हुए कहा कि आप मुझसे सवाल पूछते हैं मैं ठीक से जवाब देता हूं. आप पीएम से राफेल डील के बारे में क्यों नहीं पूछते? सिर्फ एक बिजनसमैन के लिए उन्होंने पूरी डील बदल दी थी. आप अमित शाह के बेटे के बारे में क्यों नहीं पूछते? यह सवाल मैं आपसे पूछता हूं.
कांग्रेस का आरोप है कि फ्रांस की कंपनी ने भारतीय पाटर्नर (रिलायंस डिफेंस) को गलत तरीके से चयनित किया है. कांग्रेस के आरोपों पर फ्रांस के राजनयिक सूत्रों ने कहा कि लड़ाकू विमान को उत्कृष्ट प्रदर्शन और प्रतिस्पर्धी मूल्य के लिए चुना गया है. राफेल को पूरी तरह पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के जरिए चुना गया था. उन्होंने कहा कि ये एक घरेलू राजनीतिक मसला है. वह उसमें दखल नहीं देना चाहते हैं.
कांग्रेस का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने फ्रांस की कंपनी से 58,000 करोड़ (7.8 अरब यूरो) में 36 राफेल विमान खरीदने का समझौता किया है. यह पैसा टैक्स देने वाले लोगों का कमाई का है. पार्टी ने दो समझौतों की तुलना की. उसने आरोप लगाया कि वर्ष 2012 में यूपीए सरकार ने फ्रांस से एयरक्राफ्ट खरीदने के लिए जितने में समझौता किया था. उससे तीन गुना ज्यादा पैसा देकर मोदी सरकार एयरक्राफ्ट खरीद रही है.
कांग्रेस के आरोप यहीं खत्म नहीं हुए. उसने आगे कहा कि सरकार सिर्फ एक इंड्रस्टियल ग्रुप रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को फायदा पहुंचा रही है. इस कंपनी ने फ्रांस की डसाल्ट एवियेशन के साथ मिलकर 30 करोड़ रुपये का निवेश किया है?