माेदी-ट्रंप मीटिंग : अमेरिका, जापान व आस्ट्रेलिया बनायेंगे चतुर्भुज गठबंधन
मनीला : आसियान शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज द्विपक्षीय वार्ता की और इस दौरान उन्होंने रक्षा, सुरक्षा समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा की. भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों के बीच सामरिक महत्व के भारत-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त, खुला और समावेशी रखने के लिए चतुर्भुज गठबंधन को आकार देने के उद्देश्य से कल हुई बैठक के बाद दोनों नेताओं के बीच आज फिलीपीन की राजधानी में यह बैठक हुई. माना जाता है कि दोनों नेताओं ने परस्पर हितों के कई अन्य मुद्दों के साथ ही क्षेत्र में सुरक्षा परिदृश्यों पर चर्चा की. इसके साथ ही द्विपक्षीय व्यापार को बढाने को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई. दक्षिण चीन सागर में चीन की बढती आक्रामकता की पृष्ठभूमि में चतुर्भुज गठबंधन की पहल की गयी है. सामरिक महत्व के एशिया प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका भारत के लिए बड़ी भूमिका की वकालत कर रहा है.
कुछ ही महीनों के अंतराल पर दोनों नेताओं की यह मुलाकात हुई है. इस मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी एवं अमेरिकी राष्ट्रपति ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया. इस दौरान मोदी ने कहा कि विश्व व एशिया में भारत में अपनी अहम भूमिका निभायेगा. उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन्होंने हर जगह भारत के साथ अपने संबंधों के संबंध में उच्च अभिप्राय व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि हम अपने रिश्तों के लेकर आशावादी हैं. मोदी ने कहा कि भारत अमेरिका की अपेक्षा पर खरा उतरेगा. इस द्विपक्षीय वार्ता में आतंकवाद अहम मुद्दा होगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा हिंद प्रशांत शब्द के इस्तेमाल से इस आशंका को बल मिला कि इसका इस बात से लेना हो सकता है कि वाशिंगटन चीन को जवाब देने के लिए दरअसल अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के तथा कथित चतुर्भुज सामरिक गठबंधन की भूमिका की तैयारी कर रहा है. ट्रंप ने शनिवार को भारत की अद्भुत वृद्धि की तारीफ करने के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी की भी प्रशंसा करते हुए कहा था कि वह इस विशाल देश और उसके लोगों को साथ लाने के लिए सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं. वियतनाम के दानांग शहर में एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) के वार्षिक शिखर सम्मेलन से इतर सीइओ के एक समूह को संबोधित करते हुये ट्रंप ने कहा था कि भारत एशिया प्रशांत के क्षेत्र में एक ऐसा देश है जो प्रगति कर रहा है.
आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लेेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिलिपीन के दौरे पर हैं. अपने तीन दिन के इस महत्वपूर्ण दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज फिलिपीन के लोस बानोस स्थित इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट गये. उन्होंने वहां श्री नरेंद्र मोदी रिजिल्यंट राइस फिल्ड लेबोरेटरी का उदघाटन किया. उन्होंने वहां खेत की मिट्टी भी कोड़ी. इस दौरान उन्होंने वहां धान के उत्पादन में ड्रोन तकनीक के उपयोग के बारे में जाना. उन्होंने इस दौरान राइस जीन बैंक को भारतीय धान की जो प्रजातियों के बीज सौंपे. बाद में उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी कि भारत ने इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट में योगदान दिया है और दो धान बीज उसे सौंपे. दोपहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच द्विपक्षीय बातचीत शुरू हुई. इस दौरान दोनों तरह से प्रतिनिधिमंडल मौजूद हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आरंभिक संबोधन में ट्रंप को प्रस्ताव दिया कि हम दोनों देश एिशया के भविष्य के लिए साथ ही दुनिया के लिए मिलकर काम कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि भारत विश्व व अमेरिका की अपेक्षा पर खरा उतरता रहेगा.
प्रधानमंत्री ने अपनी ट्वीट श्रृंखला में कहा है कि इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट में जाना मेरे लिए सीखने का एक बड़ा अनुभव था. मैंने वहां देखा कि संस्थान कैसे भूख से निबटने के लिए चावल के उत्पादन के जरिये काम कर रहा है. उनके काम से बहुत सारे किसानों एवं ग्राहकों को लाभ होता है, खास कर एशिया व अफ्रीका में. उन्होंने लिखा कि वे वहां भारतीय वैज्ञानिकों, छात्रों से भी मिले. इस प्रतिष्ठित कृषि संस्थान में कई भारतीय वैज्ञानिक कार्य करते हैं और भारतीय छात्र शिक्षा पाते हैं.