दिल्ली में जहरीली धुंध से लोग परेशान, सीएम ने कहा- स्कूलों में हो छुट्टी
नई दिल्ली। दिल्ली में खतरनाक जहरीले प्रदूषण अपने पांव पूरी तरह पसार चुके हैं। इसी के मद्देनजर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया से स्कूलों को बंद करने पर विचार करने के लिए कहा है।
प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री महेश शर्मा ने आपात बैठक बुलाई है। महेश शर्मा शाम चार बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्थिति की जानकारी देंगे और प्रदूषण से बचने के उपाय बताएंगे।
आपको बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने दिल्ली में हेल्थ इमरजेंसी का एलान किया है। आईएमए ने दिल्ली में बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओऔं को घर से बाहर ना निकलने की सलाह दी है। आईएमए ने स्कूल मेराथन कैंसिल करने की भी सिफारिश है।
दिल्ली एनसीआर में जहरीली धुंध के मुद्दे पर एनजीटी ने नाराजगी जताई है। एनजीटी ने दिल्ली के अलावा यूपी, हरियाणा और पंजाब सकार से पूछा है कि इसे रोकने के लिए क्या उपाय किए। एनजीटी ने पूछा कि हालात इससे ज्यादा बदतर ना हों इसके लिए क्या कारर्वाई की। एनजीटी में मामले की अलगी सुनवाई दो दिन बाद होगी।
सीपीसीबी की वायु प्रयोगशाला के प्रमुख दीपांकर साहा ने कहा, ‘पूरी तरह शांत स्थिति और हवा के बिल्कुल नहीं बहने की वजह से ऐसी स्थिति हुई है। पड़ोसी राज्यों – पंजाब और हरियाणा से अभी शहर में हवा नहीं आ रही है लेकिन जब दोनों राज्यों से हवा आनी शुरू होगी तो हालात और बिगड़ेंगे।’ गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा में धड़ल्ले से धान की पराली जलाई जा रही है।
कितना खतरनाक है दिल्ली का ये प्रदूषण?
आसमान में छाई इस जहरीली सफ़ेद चादर में कार्बनडाइ आॅक्साइड, कार्बनमोनो आॅक्साइड, सल्फरडाइ आॅक्साइड का मिक्स्चर होता है जो की काफी हानिकारक गैस है। ठंड की वजह से ये सारी गैस ऊपर उड़ने के बजाय जमीन से पास ही रहती है, जो हमारे फेफड़ों के लिए बहुत हानिकारक है। इसकी वजह से हमारे शरीर में आॅक्सीज़न की कमी होती है, जिससे फेफड़ों के साथ-साथ दिल पर भी बहुत असर पड़ता है।”
”धुंद अगर वातावरण में छाई रही तो दिल के मरीज, दमे के मरीजों के लिए जानलेवा भी हो सकती है। सबसे बड़ी बात तो ये है की जो व्यक्ति जो धूम्रपान भी नहीं करता उसके शरीर में बी 20 से 30 सिगरेट पीने से जाने वाला धुआं धुंद से जा रहा है।”
कैसे करें बचाव?
डॉक्टर के अनुसार इससे बचाव के लिए धुंद वाले वातावरण में ना जाएं, अगर जाएं तो मास्क लगाकर जाएँ। सबसे ज्यादा बच्चे और बुजुर्ग जो सुबह सैर के लिए जाते है वो सुबह की बजाय शाम को जाएँ जब मौसम साफ हो तब जाएं। मौसम विभाग और सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करें।