पटाखा बिक्री को लेकर दिल्ली-एनसीआर के कारोबारियों को नहीं दी सुप्रीम कोर्ट ने राहत
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भी आदेश दिया कि राज्य में शाम साढ़े छह बजे से रात साढ़े नौ बजे तक ही फोड़े जा सकेंगे पटाखा
चंडीगढ़। उच्चतम न्यायालय ने पटाखा बिक्री को लेकर दिल्ली-एनसीआर के कारोबारियों को किसी भी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया। साथ ही शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि दिल्ली-एनसीआर में रात 11 बजे के बाद पटाखा जलाने की इजाजत नहीं होगी। वहीं, दूसरी ओर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में शाम साढ़े छह बजे से रात साढ़े नौ बजे तक ही पटाखा फोड़े जा सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने पटाखा की बिक्री पर बैन लगाया है, लेकिन फोड़ने पर नहीं। इस दौरान जब वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने बीजेपी के बयानों को उठाया, तो जस्टिस सीकरी ने कहा कि यहां राजनीति न करें। उन्होंने कहा, ‘मैं भी निजी जीवन मे काफी धार्मिक हूं, लेकिन कोर्ट के आदेश में कोई बदलाव नहीं होगा।’
शीर्ष अदालत ने कहा कि हमको पता है कि यह पटाखा मुक्त दिवाली नहीं होगी, लेकिन हमने पर्यावरण को बचाने के लिए कोशिश की है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि हमको पता है कि अब भी पटाखे की बिक्री जारी है। हमने मीडिया में देखा है। वहीं, पटाखा कारोबारियों का कहना है कि हमने लाइसेंस लेने के बाद पटाखों में लाखों रुपये निवेश किए हैं और अब कोर्ट बिक्री की इजाजत देने से इनकार कर रहा है।
उधर, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश के बाद अब पंजाब, हरियाणा और चंडीग़ढ़ में सिर्फ तीन घंटे ही पटाखा जलाने की अनुमति होगी। इन राज्यों में पीसीआर वैन इस बात की जांच करेगा कि कोई निर्धारित समय के बाद पटाखा न जलाए। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि सिर्फ लॉटरी की प्रक्रिया से पटाखों को बेचने का लाइसेंस दिया जाए। साथ ही इसकी वीडियोग्राफी कराई जाए। मालूम हो कि दिवाली से पहले पटाखों की बिक्री को लेकर सुप्रीम कोर्ट, बॉम्बे हाईकोर्ट और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की ये सख्ती सामने आई हैं।
दो दिन पहले पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पटाखों से फैलने वाले प्रदूषण पर संज्ञान लिया था। इसके बाद हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। हाईकोर्ट ने वरिष्ठ वकील अनुपम गुप्ता को कोर्ट-मित्र नियुक्त किया। कोर्ट ने सभी पक्षों को शनिवार जवाब दायर कर पटाखों के लाइसेंस बारे जानकारी देने को कहा है।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने तेजी से बढ़ते प्रदूषण पर गहरी चिंता जाहिर की। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के दिल्ली समेत पूरे एनसीआर और बॉम्बे हाईकोर्ट ने रिहायशी इलाके में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी थी। साथ ही शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने पटाखा बिक्री को लेकर कारोबारियों को किसी भी प्रकार की राहत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि वह अपने फैसले पर तनिक भी फेरबदल नहीं कर सकता है।
दिवाली के दौरान वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाईकोर्ट के बाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के ये आदेश सामने आए हैं। वहीं, पटाखों की बिक्री पर बैन को लेकर पटाखा व्यापारियों में खासी नाराजगी है। लेखक चेतन भगत और त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने पटाखों की बिक्री पर बैन को लेकर अपनी नाखुशी जाहिर कर चुके हैं।
वहीं, चेतन भगत ने एक ट्वीट में लिखा, ‘बिना पटाखों के बच्चों के लिए दिवाली का क्या मतलब है?’ लेखक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का बैन परंपराओं पर चोट है। उन्होंने कहा कि बैन की जगह रेगुलेशन बेहतर विकल्प हो सकता था। चेतन भगत ने मामले में अपनी नाखुशी जाहिर करने के बाद प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए कई सुझाव भी दिए थे।
मंगलवार को अपने ट्वीट में त्रिपुरा के गवर्नर तथागत रॉय ने लिखा कि कभी दही हांडी, आज पटाखा, कल को हो सकता है कि प्रदूषण का हवाला देकर अवॉर्ड वापसी गैंग हिंदुओं की चिता जलाने पर भी याचिका डाल दे। इंडिया टुडे से फोन पर बातचीत में राज्यपाल ने साफ किया कि वो एक हिन्दू होने की वजह से सुप्रीम कोर्ट के आदेश से नाखुश हैं, क्योंकि ये समुदाय को उसके उत्सव से जुड़े एक अहम पहलू से वंचित करता है।