कैबिनेट का फैसला : आंतरिक सुरक्षा को 25 हजार करोड़ मंजूर
नई दिल्ली। केन्द्र ने आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों तथा राज्यों में कानून व्यवस्था की स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए बड़ा निर्णय लेते हुए पुलिस बलों के आधुनिकीकरण की एक व्यापक योजना बनायी है। इसके तहत तीन वर्षों में 25 हजार करोड़ रपए से अधिक की राशि खर्च की जाएगी। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति में इस योजना को मंजूरी दी गयी। केन्द्र ने इस योजना के माध्यम से राज्यों को सुरक्षा व्यवस्था पर होने वाले खर्च में बड़ी राहत दी है। इस योजना में 80 प्रतिशत यानी 18 हजार 636 करोड़ रुपये की राशि केन्द्र द्वारा वहन की जाएगी और राज्यों के हिस्से में केवल 6 हजार 424 करोड़ रुपये आएंगे। यह योजना वर्ष 2017-18, 18-19 और 2019-20 के लिए बनायी गयी है। गृह मंत्री ने कहा कि 25 हजार करोड़ रपए की राशि में से लगभग 11 हजार करोड़ रपए जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्यों तथा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था के लिए खर्च किए जाएंगे।
योजना में आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा , आधुनिक हथियारों की खरीद , पुलिस बलों की एक जगह से दूसरी जगह पर तैनाती , पुलिस साजो-सामान , हेलिकॉप्टरों की उपल्ब्धता, पुलिस वायरलैस का उन्नयन, राष्ट्रीय उपग्रह नेटवर्क, सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट और ई जेलों के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा। नक्सल समस्या से सबसे अधिक प्रभावित 35 जिलों में विकास की गति तेज करने के लिए भी 3 हजार करोड़ रपए की राशि निर्धारित की गयी है। जम्मू-कश्मीर,पूर्वोत्तर राज्यों और नक्सल समस्या से जूझ रहे राज्यों में सुरक्षा व्यवथा से जुड़े खर्च के लिए 10 हजार, 132 करोड़ रपए आवंटित किए गए हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में पुलिस सुविधाओं के उन्नयन, प्रशिक्षण संस्थानों और जांच सुविधाओं के लिए 100 करोड़ रपए की राशि तय की गयी है। इस योजना के तहत राज्यों को पुलिस बलों से संबंधित ढांचागत सुविधाओं, अपराध विज्ञान प्रयोगशालाओं, संस्थानों और उपकरणों के उन्नयन के लिए सहायता दी जाएगी। अपराधों तथा अपराधियों के रिकार्ड का राष्ट्रीय डाटा तैयार करने के लिए पुलिस स्टेशनों के बीच तालमेल की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। इस पण्राली को जेलों, अपराध विज्ञान प्रयोगशालाओ से जोड़ा जायेगा। योजना के तहत आन्ध्र प्रदेश के अमरावती में अत्याधुनिक अपराध विज्ञान प्रयोगशाला स्थापित की जायेगी।
राजस्थान के जयपुर स्थित आतंकवाद और उग्रवाद रोधी नियंतण्र केन्द्र को अत्याधुनिक बनाया जायेगा। साथ ही गुजरात के गांधीनगर में अपराध विज्ञान विविद्यालय को भी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जायेगा। सैन्य ठिकानों में लगेंगे मोबाइल टावर : रक्षा मंत्रालय के नियंतण्रवाली जमीन पर मोबाइल टावर लगाने के प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गयी। इन क्षेत्रों में कनेक्टिविटी की व्यापक शिकायतें थीं जिसे देखते हुए यह फैसला किया गया है। लखनऊ मेट्रो को मिलेगी हवाई अड्डे की 1899 वगर्मीटर जमीन : लखनऊ की मैट्रो ट्रेन के लिए ट्रांसपोर्ट नगर में जगह की कमी को पूरा करने के लिए कैबिनेट ने चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की 1899 वगर्मीटर जमीन एलएमआरसी को देने का फैसला किया है।