प्रद्युम्न मर्डर केस : धारदार हथियार से दो बार किया गया था वार

  • हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है

गुड़गांव। रेयान इंटरनेशनल स्कूल में 7 साल के प्रद्युम्न की हत्या की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट में मौत की वजह आघात और खून का बहना यानी हैमरिज बताई गई है। एक टीवी रिपोर्ट के मुताबिक, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि एक तेज धारधार हथियार से दो बार वार किया गया। इससे शरीर पर एक 18 सेमी लंबा और 2 सेमी चौड़ा घाव हो गया।
रिपोर्ट सामने आने के बाद पहले से उलझे इस मर्डर केस में कई नए सवाल जुड़ गए हैं। सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह अचानक किया गया हमला था या इसके लिए पूरी प्लानिंग की गई थी? यह भी पूछा जा रहा है कि क्या मर्डर को सिर्फ एक व्यक्ति ने अंजाम दिया या इसमें किसी और की भी भूमिका थी? गुड़गांव पुलिस इस मामले में सभी ऐंगल से जांच कर रही है। बता दें कि इससे पहले यह भी रिपोर्ट सामने आई थी कि प्रद्युम्न के साथ दुराचार नहीं हुआ था।
इस मामले में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है। वहीं, प्रशासन तीन महीने के लिए रेयान स्कूल का प्रबंधन हाथ में लेने का फैसला किया है। गुड़गांव के डेप्युटी कमिश्नर विनय प्रताप सिंह ने कहा कि सोमवार को भोंडसी स्थित रेयान इंटरनेशनल का मैनेजमेंट का टेकओवर और स्कूल खुलने की उम्मीद है। डीसी ने यह भी बताया कि सेफ्टी गाइडलाइंस के पालन को लेकर स्कूलों की मीटिंग बुलाई गई है। यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जाएगी कि ऐसी घटनाएं अब दोबारा न हों।
बता दें कि हरियाणा सरकार ने भोंडसी स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल का तीन महीने के लिए संचालन अपने हाथ में लेने का फैसला किया है। स्कूल के शौचालय में 7 वर्षीय छात्र की गला काटकर हत्या के बाद शुक्रवार को परिजन से मिलने पहुंचे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह ऐलान किया था। उन्होंने पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की भी घोषणा की। छात्र के परिजन लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे।
बताया जा रहा है कि स्कूल परिसर में किसी हादसे के बाद सरकार द्वारा स्कूल का संचालन अपने हाथ में लेने का गुड़गांव में यह पहला मामला है। इससे पहले दिल्ली में सरकार ने मैक्सफोर्ट स्कूल की दो शाखाओं का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया था। शिक्षा विभाग के नियमों को लगातार नजरअंदाज करने पर पहली बार ऐसा कदम उठाया गया था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जब तक सीबीआई को केस सौंपने की प्रक्रिया चलेगी, तब तक केस की जांच एसआईटी ही करेगी।