एलजी ने दी मोहल्ला क्लीनिकों को शर्तो के साथ मंजूरी
नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल ने मोहल्ला क्लीनिक से संबंधित प्रस्ताव को पारदशिर्ता के साथ लागू करने को सोमवार को ही मंजूरी दे दी है जिससे दिल्ली के लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्य सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना से बचने के लिए स्वास्य विभाग इन क्लीनिकों के कामकाज की नियमित रूप से जांच करेगा। इन सुरक्षा उपायों का उद्देश्य अब तक क्लीनिक के कार्यान्वयन में प्राप्त शिकायतों के निदान करने के अलावा एक मजबूत स्वास्य देखभाल वितरण पण्राली विकसित करना है। एलजी ने कहा कि आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक की जगह का चयन करते समय पारदशिर्ता होनी चाहिए ताकि उपलब्ध स्वास्य सुविधाओं का लाभ अधिक से अधिक लोग कर सकें। यह सभी के लिए उपलब्ध हो खासकर कमजोर वर्ग के लिए और बिना किसी दोहराव के।
निजी परिसर के मामले में यह देखा गया कि स्थान का चयन और किराया पीडब्ल्यूडी और सीपीडब्ल्यूडी के प्रचलित नियमों के आधार पर पारदर्शी खुली प्रक्रिया के माध्यम से होना चाहिए।एलजी ने स्पष्ट आदेश दिया कि भूमि उपयोग और किसी भी स्थायी संरचना का निर्माण करने के लिए संबंधित जमीन के मालिक एजेंसी द्वारा निर्धारित शर्तों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए। स्वास्य विभाग किसी भी प्रकार से पूरे या किसी भी हिस्से के स्वामित्व या कब्जे के साथ स्थानांतरण नहीं करेगा। जहां भी आवश्यक हो स्थानीय निकाय विभागों से संबंधित संस्थागत अनुमति प्राप्त करनी होगी।उपराज्यपाल ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि स्वास्य सेवाओं की गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन क्लीनिकों में लगाए गए डॉक्टर स्टाफ हर तरह से योग्य होने चाहिए और वह एक पारदर्शी तंत्र के माध्यम से लगाए जाएं।डाटा हेराफेरी की शिकायतों की जांच के लिए उपराज्यपाल ने सुझाव दिया कि प्रशासनिक विभाग एक ऐसा तंत्र विकसित करे जो क्लीनिक में आने वालों की संख्या को सत्यापित करे। मुख्यमंत्री तथा स्वास्य मंत्री के साथ हुई बातचीत के आधार पर यह निर्णय लिया गया कि प्रशासनिक विभाग 6 माह में आॅनलाइन आधार या बायोमीट्रिक प्रक्रिया बनाए और उसको लागू करे।