विशेष सत्र : मोदी ने अपने संबोधन में युवाओं से की अपील, कहा-1942 जैसा माहौल जगाना होगा
नई दिल्ली। भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वषर्गांठ के मौके पर बुधवार को संसद का विशेष सत्र चल रहा है। अगस्त क्रांति के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में अपने संबोधन में युवाओं से अपील की कि देश में फिर से 1942 जैसा माहौल जगाना होगा। उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हमें इस आंदोलन को दोबारा याद करने का मौका मिला। भारत छोड़ो आंदोलन के बारे में नई पीढ़ियों को विस्तार से जानना चाहिए। इतिहास की घटनाएं हमें प्रेरणा देती हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1942 के ‘करो या मरो’ के नारे की तर्ज पर ‘करेंगे और करके रहेंगे’ का संकल्प लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि 2017 से 2022 तक पांच वर्ष की अवधि में हम उसी भावना और संकल्प के साथ काम करें जो भाव 1942 से 1947 के बीच पांच वर्ष की अवधि के दौरान था। भ्रष्टाचार हमारी राजनीति को अंदर से खोखला कर रहा है, हम गरीबी, अशिक्षा, कुपोषण, भ्रष्टाचार से देश को मुक्त बनाने का संकल्प लें। प्रधानमंत्री ने लोकसभा में कहा कि गरीबी, अशिक्षा, कुपोषण हमारे देश के सामने बड़ी चुनौतियां हैं। हमें सकारात्मक बदलाव लाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का मंत्र था ‘करो या मरो, हमारा मंत्र है- करेंगे, और करके रहेंगे’। उन्होंने अपने पहले संकल्प में कहा कि हम गरीबी दूर करेंगे और दूर करके रहेंगे। दूसरे संकल्प में प्रधानमंत्री ने कहा कि अशिक्षा और कुपोषण को दूर करेंगे और करके रहेंगे। तीसरे संकल्प के तौर पर पीएम मोदी ने दोहराया कि देश में भ्रष्टाचार दूर करेंगे और दूर करके रहेंगे। देश के सामने बड़ी चुनौतियां हैं, हमें सकारात्मक बदलाव लाने की जरूरत है। 1947 में देश की आजादी सिर्फ भारत के लिए नहीं थी, बल्कि यह विश्व के दूसरे हिस्सों में उपनिवेशवाद के खात्मे में एक निर्णायक क्षण था।