टमाटर हुआ और लाल
नई दिल्ली। साल में करीब 2 बार टमाटर के भाव में जबरदस्त तेज़ी आती है। एक बरसात के समय और दूसरा सदिर्यों के दौरान। आम तौर पर साल भर सब्जियों के भाव थोड़े बहुत ऊपर-नीचे होते रहते हैं, इसकी वजह कभी आॅफ सीजन हो जाना, तो कभी डीज़ल-पेट्रोल की कीमतों के बढ़ जाना है। लेकिन जैसे ही मौसम करवट लेता है सब्जियों के दाम आसमान छूने लगते हैं।
देश की राजधानी दिल्ली में टमाटर के बढ़ते दामों ने लोगों के पसीने छुड़ा दिए हैं। राजधानी की सबसे बड़ी आजादपुर मंडी में भी टमाटर 60 से 80 रुपये किलो बिक रहा है जो कि खुदरा बाज़ार तक पहुंचते-पहुंचते 100 रुपये से 120 रुपये किलो तक हो जाता है। यह वही टमाटर है जो करीब 25 दिन पहले 20 से 30 रुपये किलो के भाव से बिक रहा था, लेकिन पिछले 25 दिनों में इन टमाटरों की कीमत में करीब 500 फीसदी उछाल आया है।
आजादपुर मंडी में टमाटर के थोक विक्रेता अशोक कौशिक ने बताया कि जून के महीने में जो टमाटर 5 से 10 किलो बिक रहा था, वह जून के आखिरी हफ्ते में 40 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया था। जुलाई की शुरुआत से ही टमाटर के दाम में तेज़ी देखी गई, जो अब तक बरकरार है। आजादपुर मंडी में टमाटर महाराष्ट्र, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश से आता है लेकिन इस बार टमाटर सिर्फ हिमाचल प्रदेश से ही आ रहा है। बाकी राज्यों से टमाटर मंडी नहीं पहुंचने की वजह तेज़ बारिश और फसलों का खराब होना बताया जा रहा है। लिहाजा देश में टमाटर की पैदावार कम होने से टमाटर की कीमतों में उछाल आया है। थोक विक्रेताओं की मानें तो टमाटर के दामों में अभी तेज़ी बनी रहेगी। 15 अगस्त से पहले टमाटर के सस्ते होने के आसार बिल्कुल नहीं है। मतलब साफ है कि महंगा टमाटर न केवल आपके खाने का जायका बिगड़ेगा, बल्कि आपकी जेब पर भी भारी पड़ेगा।