अगवा 39 भारतीयों के जीवित या मृत होने के कोई सबूत नहीं इराकी विदेश मंत्री
नई दिल्ली (एजेंसी)। इराक ने कहा कि उसके पास इस बात के कोई ‘पुख्ता सबूत’ नहीं हैं कि तीन साल पहले मोसुल में अगवा किए गए 39 भारतीय जीवित हैं या उनकी मृत्यु हो चुकी है। बहरहाल, इराक ने इस बात की पुष्टि की है कि आतंकवादी संगठन आईएसआईएस ने उस बदुश जेल को नेस्तनाबूद कर दिया। जहां आखिरी बार इन 39 भारतीयों के होने की सूचना मिली थी।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह की इराक यात्रा के दौरान जुटाई गई सूचनाओं के आधार पर 16 जुलाई को बयान दिया था कि अगवा किए गए भारतीय उत्तर-पश्चिम मोसुल में स्थित बदुश जेल में बंद हो सकते हैं। इराकी विदेश मंत्री इब्राहिम अल-जाफरी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि ‘आईएसआईएस ने बदुश जेल पर नियंत्रण कर लिया था। हमारे पास इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि कहीं भारतीयों की मौत तो नहीं हो गई। हम उनके बारे में ज्यादा जानकारी इकट्ठा करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि सिंह की ओर से दी गई यह जानकारी बदुश जेल के तबाह होने से पहले इकट्ठा की गई सूचनाओं पर आधारित थी।
अल-जाफरी के साथ विस्तृत वार्ता के दौरान सुषमा ने यह मुद्दा उठाया। अल-जाफरी की पांच दिन की भारत दौरे पर हैं। उन्होंने कहा कि हम नहीं जानते कि वे जीवित हैं या उनकी मृत्यु हो गई। हम भी उतने ही चिंतित हैं। इस बात के कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं कि वो जीवित हैं या उनकी मृत्यु हो गई। हम बेहतरीन कोशिश कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि इराकी सरकार लापता भारतीयों का पता लगाने के हरसंभव प्रयास करेगी। उन्होंने लापता भारतीयों के जीवित होने की उम्मीद जताई। इराकी मंत्री ने कहा कि भारतीयों के परिजन के साथ मेरी गहरी संवेदना और सहानुभूति है। मैं उन्हें अपने बच्चों की तरह मानता हूं। उन्होंने इस मामले पर लगातार ध्यान देने के लिए सुषमा की तारीफ भी की है।