प्रणब मुखर्जी की विदाई पार्टी : डिनर पार्टी में नीतीश भी होंगे शामिल, राहुल से भी करेंगे मुलाकात
नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिनर आमंत्रण पर शिरकत करने के लिए दिल्ली आ रहे हैं। इस यात्रा के दौरान बिहार में महागठबंधन में जारी तनातनी के बीच वह कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात करेंगे। बिहार में महागठबंधन की सरकार में कांग्रेस भी एक सहयोगी है। दरअसल शनिवार को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की विदाई के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित डिनर में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी आमंत्रित किया गया था। उसी में हिस्सा लेने के लिए नीतीश कुमार दिल्ली आ रहे हैं। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम मोदी के मंत्री और एनडीए के सहयोगी दलों के नेता भी इस डिनर में मौजूद रहेंगे। डिनर में बीजेडी और एआईएडीएमके जैसे अन्य पाटिर्यों के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में रामनाथ कोविंद का साथ दिया। बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति चुनाव के तहत वोटों की गिनती हुई जिसमें कोविंद की जीत हुई।
विपक्ष से अलग होकर बिहार के पूर्व राज्यपाल रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का फैसला करने वाले नीतीश कुमार पहले ही पुष्टि कर चुके हैं कि वे राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहेंगे। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की साझा उम्मीदवार मीरा कुमार की जगह बीजेपी के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन कर नीतीश कुमार ने कांग्रेस और सहयोगी लालू यादव की पार्टी आरजेडी के साथ अपनी साझेदारी को खतरे में डाल दिया है।
नीतीश कुमार बिहार सरकार में अपने सहयोगी लालू यादव के परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच को लेकर असहज महसूस कर रहे हैं। तनाव महागठबंधन को लेकर है। मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी लालू यादव के पुत्र तेजस्वी यादव को उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए कहा है। यादव इस सुझाव से नाखुश हैं। कांग्रेस इस मामले में तनाव खत्म करने के लिए मध्यस्थता करना चाहती है, लेकिन हवा का रुख ऐसा नहीं है।
नीतीश कुमार के मौजूदा रुख में अपने पुराने सहयोगी भाजपा और मोदी से नजदीकियां बढ़ती दिखाई दे रही हैं। पिछले साल मोदी ने भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए नोटबंदी का ऐलान किया। उनके इस कदम का विपक्ष में सिर्फ नीतीश कुमार ने समर्थन किया। यदि नीतीश अपने मौजूदा सहयोगियों से नाता तोड़ते हैं तो बीजेपी की ओर से पहले ही बिहार सरकार को बाहर से समर्थन देने की पेशकश की जा चुकी है। नीतीश कुमार ने जोर देकर कहा है कि रामनाथ कोविंद को उनका समर्थन केवल इस 71 वर्षीय नेता की साख के कारण है। कोविंद की निविर्वाद तटस्थता बिहार के राज्यपाल के रूप में उनके कायर्काल के दौरान देखी गई है। अगले महीने होने वाले उप राष्ट्रपति के चुनाव में नीतीश की पार्टी ने विपक्ष के उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी को समर्थन देने का वादा किया है।