शंकाओं के निराकरण के लिए ईवीएम और वीवीपीएटी का डेमो देने जा रहा है चुनाव आयोग
नई दिल्ली। चुनाव आयोग आठ साल बाद एक बार फिर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन को लेकर उपजे विवाद के चलते इससे जुड़ी शंकाओं के निराकरण के लिए ईवीएम और वीवीपीएटी का डेमो देने जा रहा है। इस कार्यक्रम में राजनीतिक दलों को आमंत्रित नहीं किया गया है। केवल मीडिया के समक्ष इस डेमो को पेश किया जाएगा। इससे पहले 2009 में ऐसा ही डेमो निर्वाचन आयोग दे चुका है। उस वक्त भी दलों ने ईवीएम के साथ छेड़छाड़ का मसला उठाया था। शनिवार को निर्वाचन आयोग इस कार्यक्रम में ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर विपक्षी पाटिर्यों की चिंताओं को दूर करने के लिए ईवीएम को हैक करने की चुनौती के समाधान यानी ईवीएम हैकाथॉन की तारीखों की घोषणा भी करेगा।
चुनाव आयोग के मुताबिक, ईवीएम व वीवीपैट की कार्यप्रणाली के प्रदर्शन के बाद एक संवाददाता सम्मेलन बुलाया जाएगा। गत 12 मई को एक सर्वदलीय बैठक के बाद निर्वाचन आयोग ने घोषणा की थी कि वह विपक्षी पाटिर्यों की ईवीएम को हैक करके दिखाने की चुनौती को स्वीकार करेगा। विपक्षी पाटिर्यों ने शंका जताई है कि फरवरी-मार्च में हुए विधानसभा चुनावों में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की गई थी।
आयोग ने यह भी घोषणा की थी कि भविष्य में होने वाले सभी चुनाव वीवीपैट मशीनों के साथ होंगे। वीवीपैट मशीन से एक पर्ची निकलती है, जिससे मतदाता को मालूम पड़ता है कि उसने जिस उम्मीदवार के पक्ष में ईवीएम का बटन दबाया, उसका वोट उसी को गया।
कई विपक्षी पाटिर्यों ने हालिया विधानसभा चुनावों के दौरान ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है, लेकिन आयोग ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा), कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप) तथा तृणमूल कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक के दौरान ईवीएम में धांधली पर चिंता जताई थी।
यह डेमो करीब दो घंटे का होगा और इसके अलावा दिल्ली के विज्ञान भवन में चुनाव आयोग की एक प्रेस कांफ्रेंस भी आयोजित होगी। ईवीएम से छेड़छाड़ के मामले में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) सबसे मुखर रही है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि हालिया विधानसभा और एमसीडी चुनावों में ईवीएम के जरिये धांधली हुई और मतदाता ने चाहे जिस पार्टी को वोट दिया हो लेकिन वोट बीजेपी के पक्ष में ही गया है।
इस संबंध में पिछले महीने दिल्ली विधानसभा में आप ने ईवीएम की तरह की एक मशीन का डेमो दिया था जिसको हैक कर उसके कोड में बदलाव कर यह बताने की कोशिश की गई थी ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। उसका जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने कहा था कि वह इस तरह की एक मशीन थी लेकिन ईवीएम नहीं थी क्योंकि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ मुमकिन नहीं है।