निभर्या गैंगरेप मामला: आज सुनाएगा सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला

नई दिल्ली। देश को झकझोर देने वाले निभर्या गैंगरेप और मर्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट अब से कुछ देर बाद फैसला सुनाने वाला है। कोर्ट को फैसला करना है कि दोषियों की मौत की सजा बरकरार रखी जाए या फिर उसे उम्रकैद में तब्दील की जाए। न केवल निभर्या के माता-पिता, बल्कि हर आम देशवासी गुनहगारों को फांसी के तख्ते पर लटकता देखना चाहता है। अभियोजन पक्ष को भी पूरा यकीन है कि अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और मुकेश की फांसी की सजा कायम रहेगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में चली सुनवाई के बाद अदालत ने 27 मार्च को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। दोषियों की ओर से हाई कोर्ट के मौत के फैसले को कायम रखने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
निभर्या की मां ने कहा, ‘हमें कानून-व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। मुझे पूरा यकीन है कि सुप्रीम कोर्ट दोषियों के खिलाफ फैसला देते वक्त मौत की सजा सुनाएगा। मुझे यकीन है कि मेरी बेटी को इंसाफ मिलेगा। यह फैसला पूरी दुनिया के लिए एक नजीर पेश करेगा।’ वहीं, निभर्या के पिता ने कहा, ‘उन्हें मौत की सजा मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट को छोड़िए, भगवान भी इन लोगों को माफ नहीं कर सकता।’ वहीं, यूपी के बलिया में निभर्या के 70 साल से ज्यादा उम्र के दादा लालजी सिंह ने कहा कि उनकी बेटी के दरिंदों की फांसी पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगने के बाद ही वह चैन से मर सकेंगे। बता दें कि उम्मीद जताई जा रही है कि सुप्रीम कोर्ट भी शायद इन गुनहगारों को लेकर नरमी न बरते। जस्टिस दीपक मिश्रा का दिल पसीजने की उम्मीद बेहद कम है क्योंकि वह महिलाओं के मामलों को लेकर बेहद संवेदनशील माने जाते हैं। वह रेप को बहुत ही गंभीर किस्म का अपराध मानते हैं। हाल ही में उन्होंने एक फैसला दिया, जिसमें उन्होंने कहा, ‘किसी महिला को प्रेम करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। उसके पास हमेशा ना कहने का अधिकार है।’
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा ने दलील दी थी कि इन चारों दोषियों ने बर्बर कृत्य किया है और इस मामले में चारों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए। सजा कम करने की कोई परिस्थितियां नहीं है। इस मामले में सजा में कोई रियायत नहीं होनी चाहिए। वहीं, दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालिवाल ने कहा, ”रोज दिल्ली में 6 रेप होते हैं। 6 निभर्या बनती हैं। आज देश की निभर्याओं की आशा रउ से है। निभर्या के कातिलों को मृत्यु दंड होना ही चाहिए।” हालांकि, दोषियों के बचाव में खड़े वकीलों की भी उम्मीद कायम है। उनका कहना है कि आरोपियों में से एक मुकेश के बचने की पूरी संभावना है क्योंकि वह बस में ही नहीं था।